गरीबी में जीवन जीने वालों के लिए वरदान साबित हो रहा है हेमन्त सरकार का ग्रीन राशन कार्ड 

गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों के लिए वरदान साबित हो रहा है ग्रीन राशन कार्ड. राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के तहत 2020 से शुरू की गयी है यह योजना

  • ग्रीन राशन कार्ड के माध्यम से गरीबों को दिया जा रहा है सस्ता राशन
  • गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है ग्रीन राशन कार्ड
  • गढ़वा जिले में कुल 60,148 लोगों को ग्रीन राशन कार्ड दिलाने का लक्ष्य
  •  अब तक 56,572 आवेदनों को मिला अप्रूवल वहीं 3576 पर कार्रवाई जारी

गढ़वा : किसी सरकार की कसौटी हो सकती है कि उसके कार्यकाल में हर अंतिम व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ कितना पहुंचा है. झारखंड राज्य में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे, असहाय व जरूरतमंद लोगों को कम/सस्ते दर पर अनाज देने की एक पहल झारखण्ड सरकार द्वारा शुरू हुई है. झारखण्ड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के तहत यह सुविधा 15 नवंबर 2020 से शुरू की गई है. इस योजना में लाभार्थियों को कम से कम 5 किलोग्राम अनाज मिलेगा, जिसकी दर 1 रूपये प्रति किलोग्राम होगी. 

गढ़वा में कुल लक्ष्य 60,148 में 56,572 लाभुकों के आवेदनों को अप्रूवल दे दिया गया है

जिला आपूर्ति पदाधिकारी गढ़वा ने बताया कि जिले में इस योजना के तहत अब तक कुल 56,572 लाभुकों का पंजीयन किया जा चुका है, और योजना का लाभ दिया जा रहा है. उक्त योजना के अंतर्गत गढ़वा जिले में कुल लक्ष्य 60,148 है. जिसमें से 56,572 लाभुक का पंजीयन कराते हुए आवेदनों को अप्रूवल दे दिया गया है. वहीं 3,576 आवेदनों पर जिला आपूर्ति विभाग द्वारा कार्रवाई जारी है. इस योजना के तहत लाभुकों को हरे रंग का राशन कार्ड प्रदान किया जायेगा.

लाभुकों का कहना है कि हरा राशन कार्ड बन जाने से महसूस हो रही है सहूलियत 

जिले के लाभुकों का कहना है कि हरा राशन कार्ड बन जाने से उन्हें सहूलियत महसूस हो रही है. उन्हें 1 रुपये प्रति किलो के भाव से अनाज मिल रहा है. कोरोना संकट के दौरान जब गांव वापस आए तो पैसे की कमी थी. समझ नहीं आ रहा था कि अपना और परिवार का पेट कैसे पालें. सरकार द्वारा हरा राशन कार्ड का शुभारंभ के कारण हमें अनाज की कमी महसूस नहीं हो रही है. घर के सभी सदस्यों का पेट भर रहा है और हम भूख की चिंता छोड़ काम की तलाश कर पा रहे हैं. 

लाभार्थियों की श्रेणी 

जिला आपूर्ति पदाधिकारी गढ़वा ने बताया कि इस योजना के तहत झारखंड सरकार राज्य के 18 वर्ष या इससे अधिक उम्र के मूलनिवासी। आदिम जनजाति। विधवा। परित्यक्ता। ट्रांसजेंडर। कैंसर, एड्स, कुष्ठ या अन्य असाध्य रोग से पीड़ित। अकेले रहने वाले वृद्धजन। अनुसूचित जाति जनजाति व गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को इसका लाभ दिया जायेगा. लाभार्थियों को श्रेणी के अनुसार प्रमाण देने की आवश्यकता होगी. इसी के आधार पर प्राथमिकता निर्धारित कर लाभ प्रदान किया जायेगा.

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