झारखण्ड : पारदेशीय छात्रवृति MoU – देश में पहली बार है जब किसी राज्य सरकार और विदेशी, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (FCDO), ब्रिटिश उच्चायोग की साझेदारी राज्य के लिए समावेशी और उच्च शिक्षा का खोलेगा द्वार.
रांची : शेवनिंग मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति योजना झारखण्ड के युवाओं के लिए उच्च शिक्षा प्राप्ति में सहायक होगा. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का यह प्रयास अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग के युवाओं को उच्च शिक्षा ग्रहण करने का मानवीय अवसर देगा.
देश के इतिहास में पहली बार है, जब किसी राज्य सरकार के शिक्षा संबंधी योजना को विदेशों का सहयोग मिल रहा है. पारदेशीय छात्रवृति को लेकर शेवनिंग मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति योजना के तहत यह MoU (Memorandum of understanding), 23 अगस्त 2022 को किया गया है. ज्ञात हो झारखण्ड एक अनुसुचित जाति, अनुसुचित जनजाति, पिछड़ा व अल्पसंख्यक वर्ग बाहुल्य राज्य है. और देश के सामाजिक संरचना के अक्स में इन वर्गों की पैंठ शिक्षा में न के बराबर रही है.
झारखण्ड सरकार एवं ब्रिटिश हाई कमीशन के साझा प्रयास से शेवनिंग मरङ गोमके जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति योजना के तहत आर्थिक मदद प्रदान किए जाने से इन वर्गों के प्रतिभाशाली बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने का सपना पूरा होगा. इस एमओयू के अंतर्गत अधिकतम पांच छात्र या छात्राओं को छात्रवृत्ति के रूप मे आर्थिक सहायता प्रदान किया जाएगा.
हेमन्त सरकार ने 23 अगस्त को किया पारदेशीय छात्रवृति MoU
इस संबंध में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, झारखण्ड और Mr. Alex Ellis, ब्रिटिश हाई कमिश्नर की मौजूदगी में, रांची झारखण्ड सरकार और विदेश राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (FCDO) ब्रिटिश उच्चायोग, नई दिल्ली के बीच 23 अगस्त को MoU किया गए है.
ज्ञात हो, इससे पूर्व तक झारखण्ड सरकार द्वारा मरङ गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना के जरिए यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन एण्ड नॉर्थेन आयरलैण्ड के चयनित संस्थानों या विश्वविद्यालयों के चयनित पाठ्यक्रम में अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं को अध्ययन हेतु वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही थी.