मिस्ड कॉल अभियान तहत फर्जी तरीके से भाजपा में आतंकी सदस्य बने. बाद में बीजेपी ने पल्ला झाड़ा. ठीक वही स्थिति झारखण्ड बीजेपी की भी. दलीय आधार पर पंचायत चुनाव हुए ही नहीं, तो 5261 कार्यकर्ता की जीत कैसे? सरकार आपके द्वार से दूरी का डर दीपक प्रकाश के बयानों में झलका.
रांची : जुलाई 2022, करीब साढ़े तीन माह पहले, भारतीय जनता पार्टी जो खुद को विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बताती है, का एक बड़ा झूठ सामने आया था. कश्मीर में पकड़े गए कुछ आतंकियों में से एक तालिब हुसैन, को भाजपा का सक्रिय सदस्य बनाया गया. दावा किया गया कि गिरफ्तार आतंकी को जम्मू प्रांत में अल्पसंख्यक मोर्चे का आईटी और सोशल मीडिया सेल का प्रभारी भी बनाया गया था.
बीजेपी के जम्मू कश्मीर विंग द्वारा इसकी पुष्टि भी की गई थी. उसके द्वारा बताया गया था कि वह पार्टी का सदस्य था, लेकिन महज 18 दिनों के लिए ही वह पार्टी के साथ जुड़ा रहा. तालिब 9 मई को भाजपा में शामिल हुआ और 27 मई को इस्तीफा दे दिया था. यह दूसरी घटना थी जब आतंकवाद के आरोपियों का भाजपा से संबंध सामने आया था.
राजस्थान के उदयपुर में जब एक दर्जी की हत्या के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया तो उनपर भी बीजेपी के साथ संबंध होने का आरोप लगा. दरअसल इन दोनों ही घटनाओं के पीछे का मुख्य तथ्य सामने आया कि बीजेपी के मिस्ड कॉल अभियान के तहत आतंकियों ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की. ऐसे में गंभीर सवाल है गृह मंत्री अमित साह जैसे नेता की मौजूदगी में कैसे आतंकियों को बीजेपी की सदस्यता मिली. मसलन यह कहा जा सकता है कि मिस्ड कॉल अभियान के तहत बीजेपी ने आतंकियों को पार्टी से जुडने का मौका दिया.
ठीक यही स्थिति झारखण्ड में मिस्ड कॉल से बने 5261 सदस्य की जीत
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने दावा किया है कि राज्य में हुए पंचायत चुनाव में बीजेपी के कुल 5261 प्रतिनिधि विजय हुए है. दीपक प्रकाश का यह दावा मिस्ड कॉल से सदस्य बनने वाले आंकड़ों पर आधारित है. ज्ञात हो, दीपक प्रकाश ने बयान दिया है कि हेमन्त सरकार की महत्वकांक्षी आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम महज दिखावा है. झामुमो ने दीपक प्रकाश के बयान को झूठ और तथ्यहीन करार दिया है.
सरकार आपके द्वार कार्यक्रम को महज दिखावा बताने के पीछे दीपक प्रकाश का डर
ज्ञात हो, मोमेन्टम झारखण्ड जैसे फर्जीवाड़े में जनता का पैसा लूटने वाली बीजेपी व उसके नेता ने हेमन्त सरकार के बहुजनों व गरीब जनता को उनके घरों में अधिकार पहुंचाने के प्रयास को दिखावा करार दिया है. इस जन कार्य को जनता के पैसे की बर्बादी बताया है. ऐसे में गंभीर सवाल है कि किस मानसिकता के तहत दीपक प्रकाश को कार्यक्रम में आ रहे हजारों आवेदन झूठ लग लगते हैं. दरअसल बतौर जन नेता सीएम हेमन्त सोरेन की बढ़ती लोकप्रियता और अपने ही नता-विधायक के जन सवालों से बोखलाए बीजेपी का शीश नेतृत्व उलूल-जुलूल बयान दे रहे हैं.
आइए दीपक प्रकाश के आरोपों का फैक्ट चेक कर ज्ञात करते हैं कि आखिर ऐसे बयान के पीछे का सच क्या है-
मिस्ड कॉल से सदस्य बने सदस्यों की पंचायत चुनाव में जीत का सच
ज्ञात हो झाऱखण्ड में हुए पंचायत चुनाव दलीय आधार पर तो हुई है, ऐसे में भाजपा प्रतिनिधि की जीत को बड़बोलापन ही कहा जा सकता है. अगर मिस्ड कॉल से सदस्य बनाने की बात हो तो कोई सक्रिय सदस्य नहीं बन जाता. यह केवल चुने गए प्रतिनिधियों को सम्मानित करना भर ही हो सकता है. संभवतः अपने लाभ के मद्देनजर थोड़े समय के लिए कोई सदस्य बन सकता है, लेकिन बाद में कश्मीर आंतकी जैसी ही बातें सामने आती है और बीजेपी अपना पल झाड़ती दिखती है.
झारखण्ड की गरीब जनता की पीड़ा से बीजेपी व दीपक प्रकाश का आँखें मूँदने का प्रयास
हेमन्त सरकार की आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम दीपक प्रकाश को महज दिखावा लगता है. वैसे भी गरीबों की पीड़ा हमेशा से बीजेपी को नहीं दिखती है. न बीजेपी को कभी झारखंड में गरीबी दिखी. न बीजेपी ने कभी माना कि उसके शासन में झारखण्ड में भूख से गरीबों की मौतें हुई. न कभी बीजेपी को किसान की गरीबी दिखी और न लोकडाउन में, नॉटबन्दी में गरीबों की मौतों की संख्या दिखी.
न अब देश में बीजेपी को महंगाई दिख रही है और न हो देश में खत्म होते रोजगार ही देख रहे हैं. ऐसे में झारखण्ड की परेशान जनता की पीड़ा दीपक प्रकाश को न दिखने का सच आसानी से समझा जा सकता है. ज्ञात हो के बीजेपी के लंबे शासन के इसी रवैये ने झारखण्ड की जनता को ऐसे मुहाने पर ला खड़ा किया है.
ज्ञात हो, बीजेपी शासन में न लाभुकों को पेंशन का लाभ मिला न ही उज्जवला गैस योजना सरीखे योजनाओं का ही लाभ मिला. आंतकवादीयों से लड़ते हुए शहीदों के परिजनों को केवल कोरा आश्वासन ही मिला. आज जब राज्य की महिलाएं व बेटीयां बता रही है कि इससे उनके जीवन में एक खुशहाली आयी है, तो दीपक प्रकाश को राज्य में बीजेपी के गिरते ग्राफ का डर सता रहा है. मसलन, बौखलाहट में वह उलूल-जुलूल बयान दे रहे हैं
मुख्यमंत्री संवाद में लाभुक के चहरे पर दिखी खुशी से डरे दीपक प्रकाश
- लाभुक यशोदा देवी मुख्यमंत्री से स्वंय कहती है कि उन्हें फूलो झानो आशीर्वाद योजना से जोड़ा गया है, तो दीपक प्रकाश जैसे नेता में डर दिखना लज़मी है.
- लाभुक सुप्रिया कुमारी मुख्यमंत्री कहती है कि मुझे सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना से जोड़ा गया है. आगे चलकर मैं कुछ अच्छा करते हुए अपने माता-पिता और गुरुजनों का नाम रोशन करना चाहती हूं, तो दीपक प्रकाश जैसे नेता में डर दिखना लज़मी है.
- रोजाना जब हजारों लाभुकों के आवेदनों का निपटारा होने से मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की विश्वसनीयता बढ़ रही है, तो दीपक प्रकाश जैसे नेता में डर दिखना लज़मी है.