दृष्टिबाधित को जिले का ज़िम्मा दे हेमंत सरकार ने लोकतंत्र की लाज बचायी है

दृष्टिबाधित के जिले का ज़िम्मा दे हेमंत सरकार ने इस श्रेणी में आने वाले लोगों में न केवल नयी आशा की किरण, लोकतंत्र की भी लाज बचायी है। 

भाजपाई मंत्री यह कहने से नहीं चुकते कि प्रधानमंत्री मोदी में देवता का अंश है! यानी कि वे “दिव्यांश” हैं। लेकिन इन्हीं “दिव्यांश” साहेब के पार्टी की सरकार में जयपुर पुलिस ने दिव्यांगों की पिटाई की थी! और “रामराज्‍य” में “दिव्यांश” प्रधानमंत्री के पार्टी के लोग दिव्यांगों को पिटवाए! ज्ञात हो कि पिछली 23 मई से विकलांग आन्दोलन 2016 के बैनर तले राजस्थान की राजधानी जयपुर में विशेष योग्‍यजन अपनी माँगों को लेकर आन्देालनरत थे। क्योंकि भाजपा सरकार ने राजस्थान में सत्ता में आते ही विशेष योग्‍यजनों को मिलने वाली सुविधाओं में कटौती कर दी थी। 

विकलांगों ने सरकार के ऐसे ग़लत फ़ैसलों के विरोध में अपनी माँगों का ज्ञापन सरकार को देने का प्रयास किया था। राजस्थान के महिला एवं बाल विकास मंत्री ने तो आंदोलनरत विकलांगों से मिलने तक से इंकार कर दिया था। उनके इस असंवेदनशील व्यवहार का विरोध करने पर पुलिस ने एक विकलांग व्यक्ति को थप्‍पड़ जड़ दिया। इसके पहले आन्दोलन की शुरुआत में पुलिस ने आन्दोलनकारियों पर बर्बर लाठीचार्ज किया गया व एक महिला आन्देालनकारी की तिपहिया साइकिल तोड़ दी थी।

देश में पहली बार किसी दृष्टिबाधित को जिले का ज़िम्मा

लेकिन, पहली बार देश के पटल पर झारखंड में राजस्थान से अलग दृश्य दिखा है। जहाँ देश के इतिहास में पहली बार हेमंत सरकार ने 18 प्रशासनिक अधिकारियों का तबादला किया है। लेकिन इस तबादले में बोकारो के नवनियुक्त डीसी की चर्चा जोरों पर है। क्योंकि आईएएस ऑफिसर राजेश सिंह को यहाँ का डीसी बनाया गया है, जो दृष्टिबाधित हैं। और उच्च शिक्षा विभाग में विशेष सचिव के पद पर कार्यरत थे, जो अपने एक लंबी कानूनी लड़ाई के बाद मुकाम पाये थे। और देश के इतिहास में पहली बार हुआ है जहाँ किसी दृष्टिबाधित के ज़िम्मे एक पूरा जिला दिया गया है।

मसलन, देश में पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने देश के विकलांगों के प्रति बड़ा दिल दिखा लोकतंत्र की नयी परिभाषा गढ़ी है। जो इस श्रेणी में आने वाले देश के उन तमाम लोगों को आशा कि नयी किरण देती है। देश उनका भी उतना ही है जितना अन्य लोगों का। साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी साबित किया है कि किसी आइएएस के फैसले में दृष्टि नहीं दृष्टिकोण की जरूरत होती है। हालांकि, बोकारो उपायुक्त राजेश सिंह ने कहा है कि हेमंत सरकार ने मुझ पर भरोसा जताया है। मैं उनके भरोसे पर खरा उतरने की कोशिश करूंगा और बोकारो जिले के विकास में नयी इबारत लिखूँगा।

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