झारखण्ड : बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के पुरुषवादी मुख से निकले महिला विरोधी सड़क छाप शायरी को झारखण्ड के दीपिका पाण्डेय सिंह के द्वारा तुलसी के चौपाई से दिया करारा जवाब.
रांची : मोदी काल में भारतीय समाज में पुरुषवादी मानसिकता के मनोबल में गुणात्मक उछल स्पष्ट देखा जा सकता है. महिलाओं के ख़िलाफ़ विभिन्न प्रकार के अपराधों में बढोतरी हुई है. न केवल राष्ट्रीय महिला आयोग की रिपोर्ट, मणिपुर, खिलाड़ी बहने समेत देश भर के भाजपा शासित राज्य के आंकड़े भी तथ्य की तस्दीक करते हैं. यही नहीं कई मामलों में तो बीजेपी के नेता-कार्यकर्ता, विधायक और सांसद तक महिला प्रताड़ना के प्रमुख आरोपी हैं. और उन्हें कानूनी मदद भी दी गयी है.
वर्तमान में तथ्य का स्पष्ट उदाहरण भजपा सांसद निशिकांत दुबे का ट्विट हो सकता है. निशिकांत दुबे ने सड़क छाप शायरी ‘अब तो मोहतरमा को इत्र भी ख़ुशबू नहीं देता, कभी मेरा पसीना भी गुलाब हुआ करता था’ के माध्यम से ना केवल महिला विरोधी मानसिकता का, बीजेपी और संघ के सामन्ती मानसिकता का भी परिचय दिया है. शायद वह भूल चुके हैं कि झारखण्ड में अब बीजेपी का शासन नहीं बल्कि हेमन्त शासन है. जिसके अक्स में राज्य की महिलायें पुरुषवादी मानसिकता को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम हैं.
इस मामले में ऐसा ही देखा गया. कांग्रेस की महिला जुझारू विधायक दीपिका पाण्डेय सिंह के द्वारा पीएम मोदी को टैग करते हुए निशिकान्त दुबे के मुखड़े पर तुलसी की चौपाई दे मारी है. कांग्रेस विधायक के द्वारा निशिकान्त को उसी के जुबान में ‘जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी… लिख जवाब दिया गया है. और इसे मोदी जी के सांसद के संस्कार’ बताया है. शायद निशिकांत को अब भान हो गया होगा कि झारखण्ड में अब महिलाओं की स्थिति बीजेपी शासन के दौर वाला नहीं, सशक्तिकरण की नई पहचान लिए सभी सामाजिक समस्याओं से दो-दो हाथ करने को तैयार हैं.