झारखण्ड : दीदी बगिया योजना से किसान बने उद्यमी – सरकार के लिए तैयार कर रहे हैं पौधे 

दीदी बगिया योजना के तहत झारखण्ड के किसानों द्वारा नर्सरी में शीशम, गम्हार, सागवान और आम जैसे पौधों को तैयार किया जाता है. सरकार नरेगा के आम बागवानी योजना के तहत उन पौधों को ख़रीदती है. नतीजतन किसान उद्यमी बन रहे हैं और अपनी आय बढ़ा रहे है.

रांची : झारखण्ड में जन कल्याण के मद्देनज़र जल समद्धि योजना के तहत दीदी बाड़ी, दीदी बगिया जैसे योजना को दूरदर्शी सोच के अंतर्गत धरातल पर उतरा गया है. दीदी बगिया योजना का उद्देश्य अविलंब लाभुकों को आत्मनिर्भरता है. मनरेगा जैसे कल्याल्कारी योजना में महिलाओं की 50% भागादारी सुनिश्चित करना है. झारखण्ड जैसे गरीब व कुपोषित राज्य को फलदार वृक्ष से अछान्दित करना है ताकि राज्य में जनता के फल-फूल सेवन हेतु उपलब्ध हो सके. और पौधों की नर्सरी तैयार कर किसानों को उद्यमी बनाना है ताकि वह सरकार से सुनिश्चित आमदनी प्राप्त कर सके.

ज्ञात हो, 24 दिसम्बर 2021 को राजधानी रांची पहुंचे केंद्रीय ग्रामीण विकास सचिव एन.एन. सिन्हा द्वारा भी हेमन्त सरकार की दीदी बागिया योजना की जम कर तारीफ हुई थी. उन्होंने हेमन्त सरकार द्वारा पिछले 2 वर्षों से सखी मंडलों के जरिये आजीविका सशक्तिकरण में किए जा रहे कार्यो की भी सराहना की है. साथ ही, उन्होंने दूसरे राज्यों को भी दीदी बगिया योजना को अपने राज्यों में लागू करने को निर्देशित किया था. 

राज्य के लिए ख़ुशी की खबर – पौधे अब पेड़ बनने को अग्रसर

ऐसे में, दीदी बगिया योजना के मद्देनजर राज्य के लिए ख़ुशी की खबर हो सकती है कि पौधे अब पेड़ बनने को अग्रसर है. किसानों की श्रृखंला में माइकल एक्का जैसे किसान खुद खेती करने के साथ अन्य किसानों को भी खेती के लिए प्रेरित कर रहे हैं. गुमला के रायडीह के सिलम गांव निवासी माइकल की कड़ी मेहनत और राज्य सरकार के सहयोग का नतीजा है कि वह क्षेत्र के किसानों को जागरूक भी कर रहे हैं. और अपने परिवार आर्थिक रूप से खुशहाल बनाने की ओर भी अग्रसर हैं.

दीदी बगिया का क्रियान्वयन

2021 में राज्य में गुणवत्तापूर्ण पौधों की मांग की आपूर्ति हेतु हेमन्त सरकार में नरेगा योजना के तहत दीदी बगिया योजना का शुभारंभ हुआ था. हेमन्त सरकार अपनी दूरदर्शी सोच के तहत, राज्य के किसानों को एक उद्यमी के रूप में तैयार करने की दिशा में कदम बढ़ाया था. इस योजना के तहत राज्य के प्रशिक्षित किसानों को पौधे तैयार करने हेतु प्रेरित किया गया और सरकार ने तैयार पौधे की ख़रीददारी नरेगा योजना के तहत सुनिश्चित की थी. 

मसलन, राज्य के किसानो के आत्मविश्वास को बल मिला और भारी संख्या में किसान इस योजना से जुड़े. नतीजन किसानों ने इमारती पौधे – जैसे शीशम, गम्हार, सागवान एवं आम जैसे फलदार पौधे के आम्रपाली, मालदा, मल्लिका जैसे विभिन्न प्रजातियो के पौधों को तैयार कर सरकार को उपलब्ध कराया. जिससे राज्य में गुणवत्तापूर्ण पौधों की मांग की आपूर्ति हुई. और नए सिरे से किसानों के जीवन को सवारने की सरकार के मंशे को बल मिला.  

किसानों की श्रृखंला में माइकल जैसे किस्सनों की कड़ी मेहनत का मिला इनाम 

दीदी बगिया योजना के तहत राज्य के किसानों को सरकारी खर्च पर बागवानी एवं पौधा तैयार करने का प्रशिक्षिण मिला. माइकल एक्का कहते हैं कि उन्होंने वर्ष 2021-22 में दीदी बगिया योजना के जरिये प्रशिक्षिण के बाद अपनी नर्सरी में शीशम, गम्हार, सागवान और आम के 8000 पौधे उगाए. पौधों को नरेगा के आम बागवानी योजना के तहत सरकार द्वारा ख़रीदा गया. माइकल को 25 हजार रुपये की आय हुई. मसलन, दीदी बगिया योजना से माइकल एक्का जैसे किसानों को अतिरिक्त आजीविका का साधन उपलब्ध हुआ और उन्हें अतिरिक्त आर्थिक आय भी प्राप्त हो रहा है. 

Leave a Comment