रामगढ़ उपचुनाव : सीएम सोरेन अपने पिता दिशोम गुरु शिबू सोरेन को अस्पताल में भर्ती करवा पुत्र का फर्ज निभा रहे तो दूसरी तरफ रामगढ़ पहुँच ममता देवी के साथ खड़े हो भाई का फर्ज बखूबी निभा रहे है.
रांची : कोरोना संक्रमण जैसे संकट की घड़ी हो या सामान्य काल हो सीएम हेमन्त सोरेन झारखण्ड की माताओं, बेटियों व बहनों के पुकार न केवल तत्काल सुनते देखे जाते हैं, पूरी ताक़त के साथ उनके साथ खड़े दिखते है. मानव तस्करी के अक्स में अन्य राज्यों फंसी बेटियां हो, आँगन बाडी की दीदियां हों सभी के साथ खड़े दिखे. सावित्रीबाई फूले किशोरी समृद्धि योजना के तहत राज्य की तमाम बेटियों की शिक्षा व भविष्य सुनिश्चित करने की कवायद तथ्य का स्पष्ट उदाहरण है.
ज्ञात हो, जनता के पक्ष में खड़ी रहने वाली झारखण्ड की बेटी व प्रखर नेत्री ममता देवी की विधायकी समाप्त करने का प्रयास हुआ है. समाज के अधिकाँश हिस्सा मानता है कि यह गरीबों के प्रतिनिधित्व को समाप्त करने का सामंती प्रयास है. लेकिन तमाम परिस्थितियों के बीच यह प्रकरण ऐसे वक़त में हुआ है जहाँ एक दुधमुंहे बच्चे को अपनी माँ से अलग होना पड़ा है. इस दैय्नीय मामले में भी सीएम मजबूती के साथ रिया तिर्की की भांति इस महान बहन, ममता देवी के साथ भी खड़े हो गए हैं.
ज्ञात हो, सीएम सोरेन के पिता दिशोम गुरु शिबू सोरेन की तबीयत खराब है. सीएम ने उन्हें चेन्नई के अस्पताल में भर्ती करवा एक तरफ पुत्र का फर्ज अदा कर रहे तो दूसरी तरफ वह ममता देवी के मदद को सीधे रामगढ़ पहुंच भाई का फर्ज निभा रहे हैं. निश्चित रूप से सीएम का यह राज्य को अचम्भित करने वाला जुझारूपन है. राज्य की जनता इनकी यही हार ना मानने वाली अदा पर फ़िदा होती है. वह एक तरफ दूधमुहें बचे को पुचकार रहे हैं तो दूसरी तरफ जनता से संवाद बना रहे हैं.