जन कार्य सबसे बड़ा धर्म -मंच से विपक्ष को सीएम सोरेन की सीख 

झारखण्ड : सरकार आपके द्वार जैसे जन कार्यक्रम से विपक्ष की दूरी दर्शाता है कि उसे राज्य की जनता के सुख-दुख से कोई लेना-देना नहीं. सरकार के न्यौता के बावजूद बाबुला मारांडी उद्घाटन कार्यक्रम में नहीं हुए शामिल. सरकारी लाभ से जनता को दूर रखने का हुआ प्रयास. 

रांची : झारखण्ड में जनता को नाना प्रकार की समस्याओं व सरकारी योजनाओं के लाभ आसानी से पहुंचाने हेतु ‘सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम आयोजित किया जाता है. इस कार्यक्रम के तहत सरकार समेत तमाम सरकारी तंत्र राज्य की जनता को उसके घर या क्षेत्र में ही पहुँच कर योजनाओं के लाभ देना व उनकी समस्यों का छुटकारा देना सुनिश्चित करती है. और राज्य की जनता को आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक तौर पर मदद प्राप्त होता है. 

जन कार्य सबसे बड़ा धर्म -मंच से विपक्ष को सीएम सोरेन की सीख

ज्ञात हो, पिछले वर्ष जहां धरती आभा बिरसा मुंडा के जन्म स्थली से इस कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी तो इस वर्ष दिशोम गुरु शिबू सोरेन की क्रांति की ऐतिहासिक धरती ‘गिरीडीह’ से कार्यक्रम की शुरुआत हुई है. हेमन्त सरकार द्वारा सभी पक्ष-विपक्ष के दलों को न्योता दिया गया था. माले विधायक कार्यक्रम में शामिल हुए लेकिन भाजपा विधायक बाबूलाल मारांडी इस जन कार्य से दूरी बनाते दिखे. जबकि भाजपा के जन हित कार्यक्रम में झामुमो विधायक शामिल होते रहे हैं.  

जन कार्य के प्रति विपक्ष का रवैया देख सीएम हेमन्त सोरेन ने जताया दुख 

ज्ञात हो बाबूलाल मारांडी गिरीडीह जिले के राजधवार विधानसभा से विधायक हैं. और जन हित के मद्देनजर कल का दिन गिरीडीह जिले के लिए ऐतिहासिक था. क्योंकि कल ही सीएम हेमन्त सोरेन के द्वारा गिरीडीह से ‘सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ है. लेकिन बाबुलाल मारांडी इस जनहित कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। जो दर्शाता है कि वह स्वयं को राज्य से और राज्य की जनता से बड़ा मानते हैं. 

मसलन, सीएम हेमन्त सोरेन द्वारा मंच से नाम न लेते हुए भाजपा विधायक बाबुला मारांडी की इस रवैये पर दुख जताया गया. सीएम ने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में उन्होंने उनके लिए जहां-तहां प्रचार किया. लेकिन, जनता ने उन्हें नकार दिया. इसमें उनका क्या दोष है. और आज वह हराने वाले के ही गोद में जाकर बैठे हैं. और हमारी सरकार गिराने की षड्यन्त्र रचते रहते हैं. सरकार आपके द्वार जैसे जन कार्यक्रम में उनका शामिल न होना दर्शात है कि विपक्ष ने पूरी तरह से जन कार्य से दूरी बना लिया है. और उन्हें जनता के सुख-दुख से कोई लेना-देना नहीं है.

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