झारखण्ड : मुख्यमंत्री के नेतृत्व में आयोजित बजट गोष्ठी कार्यक्रम में आये कई कारगर सुझाव 

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने बजट गोष्ठी में आए कई कारगर सुझावों का किया स्वागत. गोष्ठी में विभिन्न राज्यों से आए विशेषज्ञों, विभिन्न विभाग के प्रतिनिधियों व ऑनलाइन विशेषज्ञों ने अपने सुझाव रखे. मुख्यमंत्री द्वारा ‘हमर अपन बजट’ में बेहतरीन सुझाव देने वालों को प्रशंसा पत्र और शॉल प्रदान कर किया गया सम्मानित…

सभी के सुझावों को बजट में समाहित कर कार्य किया जाएगा, ये सुझाव राज्य के विकास में मिल का पत्थर साबित होंगे. सरकार बजट से बेहतर परिणाम प्राप्त करने का प्रयास करेगी

हेमन्त सोरेन, मुख्यमंत्री – झारखण्ड

रांची : हेमन्त सरकार में वित्त विभाग द्वारा एक माह पूर्व से ही बजट 2022-23 के लिए गंभीर प्रयास हो रहे हैं. जनता की मूल समस्याओं के मद्देनजर बजट बनाना एक मुश्किल कार्य होता है. क्योंकि विपरीत परिस्थितियां संभ्रांत राज्यों में अधिक प्रभाव नहीं छोड़ता लेकिन कमजोर राज्य के लिए गंभीर प्रभाव छोड़ता है. ऐसे में झारखण्ड जैसे भौगोलिक संरचना वाले गरीबी राज्य के लिए तो यह चुनौती पूर्ण कार्य है. क्योंकि प्राकृतिक संसाधन में अव्वल यह राज्य है पूर्व की सत्ता के नीतियों के अक्स में आर्थिक संसाधनों के रूप से पिछड़ा रहा है. 

ज्ञात हो, Covid 19 महामारी में राज्य के गरीब, प्रवासी श्रमिक व माध्यम वर्गीय जनता आर्थिक रूप से प्रभावित हुए हैं. नतीजतन, वर्तमान परिस्थिति में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में वित्त विभाग द्वारा मूल जनता के नज़रिए और उनके जुझारू अनुभवों से प्राप्त विचारों को जानने का सराहनीय प्रयास हुआ है. ताकि राज्य में चहुमुखी दिशा में विकास की रेखा गति में खींची जा सके. और बजट गोष्ठी 2022-23 में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का संबोधन इसी मंशे के इर्द-गिर्द घुमे, तो राज्य के लिए राहत भरी खबर हो सकती है.

जन सुझाव राज्य के लिए साबित होंगे मिल का पत्थर – मुख्यमंत्री 

बजट 2022-23 गोष्ठी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री – झारखण्ड देश में एक अलग तरह का राज्य है. यह एक आदिवासी बहुल क्षेत्र है. ऐसे में हर क्षेत्र की मुश्किलों से राज्य को बाहर निकालने की आवश्यकता है. राज्य में 40% अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के वर्गों को यहां के बैंक सहयोग नहीं करता है. जो एक गंभीर समस्या है और इसका हल निकालना एक चुनौतीपूर्ण कार्य.

सरकार ऐसे तमाम मुद्दों पर चिंतन मंथन कर रही है क्योंकि वर्तमान दौर ऑनलाइन और कैश लेश का है. ऐसे में राज्य के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्गों के भविष्य के लिए चिंतनीय विषय है. ऐसे में विशेषज्ञों, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं अन्य बुद्धिजीवियों से सभी के कल्याण हेतु योजना बनाने के लिए उनके सुझावों को जानने का प्रयास किया गया है. और प्राप्त सुझाव झारखण्ड के विकास में मिल का पत्थर साबित होंगे.

हमर अपन बजट’ में बेहतरीन सुझाव देने वाले हुए सम्मानित

मुख्यमंत्री द्वारा ‘हमर अपन बजट’ में बेहतरीन सुझाव देने वाले रामगढ़ के हलधर महतो, पूर्वी सिंहभूम के सुबोजित कुमार पातर, आंनद राज और बोकारो की श्रुति सुमन को प्रशंसा पत्र और शॉल प्रदान कर किया गया.

बजट के लिए मिले कारगर सलाह को सरकार मार्गदर्शन के रूप में करेगी प्रयोग  

 मुख्यमंत्री – शिक्षा की और बेहतरी के लिए स्वागत योग्य सुझाव आए हैं. सरकार तमाम कारगर सुझाओं पर गंभीरता से कार्य करेगी. पहली बार, पहले ही वर्ष सरकार झारखण्ड के सात आदिवासी बच्चों को विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए शत प्रतिशत स्कॉलरशिप दे विदेश भेजने में कामयाब रही. राज्य भर में मॉडल स्कूल का निर्माण हो रहा है. राज्य में ट्राइबल यूनिवर्सिटी प्रारंभ करने का मार्ग प्रशस्त हुआ है, जिससे बच्चे अपनी भाषा और संस्कृति समझते हुए आगे बढ़ सकेंगे. 

पर्यटन को लेकर कई सुझाव आये हैं. पर्यटन के क्षेत्र में राज्य में असीम संभावनाएं हैं. यहां कई अनछुए प्राकृतिक जगहें है. सरकार ने खनिज संपदा से हटकर भी कार्य योजना बनाना शुरू किया है. यहां कई ऐसी व्यवस्थाएं जो केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से संचालित होता है. नतीजतन कई रुकावटें भी आतीं हैं. लेकिन बजट के लिए मिले राज्य की मूल जनता के सलाह को सरकार एक मार्गदर्शन के रूप में देख रही है.

कृषि क्षेत्र में अधिक खर्च करना जीवन और जीविका के लिए जरूरी

वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव – पहले टुकड़े-टुकड़े में सलाह लिए जाते थे. लेकिन राज्य में पहली बार बजट 2022-23 के लिए विशेषज्ञों से लेकर आम लोगों तक से सुझाव लिए गए हैं. हमारे पास उपलब्ध तमाम शॉर्ट और लांग टर्म के सुझावों को समाहित करने का प्रयास किया जाएगा. सरकार ने संक्रमण काल में जीवन और जीविका के लिए कार्य किये हैं. बजट में राजस्व और खर्च को लेकर प्राथमिकता तय होती है. 

यह खनिज संसाधनों से परिपूर्ण राज्य है. आंकड़ों पर गौर करें तो 53 हजार एकड़ भूमि कोल मंत्रालय को दिया गया, जबकि इसकी क्षति पूर्ति नहीं मिली. 65 हजार करोड़ से अधिक की राशि भारत सरकार के पास बकाया है. राज्य के जीवन और जीविका के लिए जरुरी है कि  कृषि क्षेत्र में अधिक खर्च किया जाए. सरकार गांव और शहर की जरूरतों को देखते हुए बजट का निर्माण करेगी. बजट को लेकर आये सुझाव उम्मीदों के अनुरूप हैं.

इन विशेषज्ञों ने बजट गोष्ठी 2022-23 में रखे अपने सुझाव

कृषि और सिंचाई के क्षेत्र में प्रदान रांची के प्रेम शंकर, सीजेएम नाबार्ड जीके नायर, आईआईपीए के पूर्व चेयरमैन प्रो अशोक विशनदास, स्वास्थ और शिक्षा के क्षेत्र में रानी चिल्ड्रेन अस्पताल के डॉ राजेश कुमार, एक्सआईएसएस रांची के डॉ अनंत, सीनियर कंसलटेंट, वर्ल्ड बैंक के प्रो रतन चांद, एनआईईपीए के डॉ मनीषा प्रियम, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, आधारभूत संरचना एवं पावर के क्षेत्र में आईआईएम रांची के प्रो अंजुम आनंद, जे-पाल साउथ एशिया अपर्णा कृष्णा, सीयूजे रांची के प्रो संजय समदर्शी समेत कई विशेषज्ञों ने बजट गोष्ठी 2022-23 के लिए अपने सुझावों को रखा.

Leave a Comment