मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन जिस शिद्दत से संतालों के सबसे बड़े धार्मिक स्थल में आयोजित राजकीय पूजा अनुष्ठान में पूरे विधि-विधान और परंपरागत तरीके से सपरिवार व मंत्री चम्पाई सोरेन के साथ पूजा अर्चना की, उसी शिद्दत से श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा में सपरिवार पहुँच मत्था भी टेकना, दर्शाता है कि किसी लोकतांत्रिक मुख्यमंत्री का ऐसा ही चेहरा हो सकता है. जो आस्था के मंच का प्रयोग राजनीतिक अखाड़े के बजाय जनकल्याण के लिए कर रहे हैं.
- मुख्यमंत्री ने लुगुबुरु घांटाबाड़ी धोरोमगाढ़ के अवसर पर लाभुकों के बीच परिसम्पत्ति तथा नियुक्ति पत्र का किया वितरण.
- संतालों के गौरवशाली अतीत, अटूट आस्था, श्रद्धा और विश्वास से जुड़ा है यह पवित्र स्थल.
- संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण में पूरा सहयोग करेंगी सरकार.
- सभी वर्ग और तबके के लोगों की आकांक्षाओं और उनकी गतिविधियों को प्राथमिकता में रखकर बनाई जा रही हैं योजनायें
- मुख्यमंत्री ने गुरुद्वारे में मत्था टेक झारखंड वासियों के सुख, समृद्धि, खुशहाली, अमन-चेन की प्रार्थना की.
झारखंड जैसे राज्य में मौजूदा सत्ता यदि पूर्व की सत्ता के मनुवादी चेहरे से इतर लोकतांत्रिक दिखे तो राज्य के भविष्य के लिए सुखद खबर हो सकता है. ज्ञात हो, झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन राज्य की सभी जाति-धर्मं के आस्थाओं को आत्मसात करते हुए आगे बढ़ते देखे जा रहे हैं. और जनता की मूल-भूत समस्याओं का स्थायी निदान करते भी देखे जा रहे हैं. इसका एक और रूप महज चंद दिनों पहले दिखा -जितनी शिद्दत से उन्होंने संतालों के सबसे बड़े धार्मिक स्थल में आयोजित राजकीय पूजा अनुष्ठान में विधि-विधान और परंपरागत तरीके से सपरिवार पूजा अर्चना की, उसी शिद्दत से श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा में सपरिवार मत्था भी टेका.
लुगुबुरु घांटाबाड़ी धोरोमगाढ़ सदियों से संथाली आस्था प्रतीक तो श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा सिख समुदाय के आस्था प्रतीक है
ललपनिया स्थित लुगुबुरु घांटाबाड़ी धोरोमगाढ़ सदियों से संथाली आस्था, गौरवशाली अतीत, परंपरा, श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक रहा है. हर साल कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर यहां अंतरराष्ट्रीय सरना धर्म महासम्मेलन आयोजन होता है. ना सिर्फ झारखंड बल्कि देश विदेश से श्रद्धालु आते हैं और अनुष्ठान में शामिल होते हैं. कोरोना संक्रमण के कारण इस वर्ष पूरी सावधानी और सतर्कता के साथ पूजन अनुष्ठान आयोजित हुआ. पूजा समितियों के सदस्यों ने महामारी के बीच सावधानी पूर्वक शिद्दत से अपनी परंपरा को निर्वहन किया.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आगे भी यह गौरवशाली परंपरा बनी रहे. सरकार इसके संरक्षण में सहयोग करेगी. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सपरिवार शामिल हुए. हेमन्त सोरेन अपनी धर्मपत्नी श्रीमती कल्पना सोरेन व पुत्रों के साथ विधि विधान पूर्वक, पारंपरिक तरीके से पूजा अर्चना की. और राज्यवासियों के अमन-चैन की कामना की. इस मौके पर उन्होंने यहां स्थापित भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए.
इसी श्रद्धा के साथ वह गुरु नानक देव जी महराज के 552वें प्रकाश पर्व के अवसर पर श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा भी पहुंचे और सपरिवार मत्था टेका. मुख्यमंत्री ने मत्था टेकझारखंड वासियों के सुख, समृद्धि, खुशहाली, अमन-चेन की प्रार्थना की. गौरतलब है कि झारखण्ड पहली बार ऐसे मुख्यमंत्री को भी देख रहा है जो आस्था के मंच को राजनीतिक अखाड़ा न बना शिद्दत से जनकल्याण का मंच बनाने का प्रयास कर रहा है.
जनता की उम्मीदों, जरूरतों व गतिविधियों के अनुरूप बन रही है कार्ययोजना
मुख्यमंत्री ने लुगुबुरु घांटाबाड़ी धोरोमगाढ़ कहां की अलग राज्य गठन के बाद पिछले 20 सालों में झारखंड की जनता की उम्मीदों का कोई ख्याल नहीं रखा गया. हमारी सरकार सभी वर्ग और तबके के लोगों की आकांक्षाओं और उनकी गतिविधियों को प्राथमिकता में रखकर कार्य योजना बना रही है. और उसे धरातल पर लागू करने का काम कर रही है, ताकि समाज के अंतिम पंक्ति में बैठे लोगों तक सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके.
आपकी समस्याओं को दूर करने आपके द्वार आ रही है सरकार
मुख्यमंत्री – भगवान बिरसा मुंडा की जयंती तथा राज्य स्थापना दिवस के मौके पर 15 नवंबर से आपके अधिकार, आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम शुरू किया गया है. इस कार्यक्रम के तहत 28 दिसंबर तक आपकी समस्याओं के निष्पादन तथा सरकार की योजनाओं का लाभ आपको दिलाने के लिए सरकार आपके द्वार पर आ रही है. सभी पदाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि शिविरों के माध्यम से लोगों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देना सुनिश्चित करें.
रोजगार सृजन सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता
मुख्यमंत्री – ज्यादा से ज्यादा रोजगार सृजन सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसलिए इस वर्ष को नियुक्ति वर्ष घोषित किया गया है. और बड़े पैमाने पर युवाओं को नौकरी देने के लिए नियुक्ति प्रक्रिया आरम्भ हुई है. वही स्वरोजगार को भी बढ़ावा देने की दिशा में सरकार ने मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना समेत कई अन्य कार्यक्रमों को शुरू किया है. इन योजनाओं का लाभ लेकर लोग अपनी जीविका के साथ साथ दूसरों को भी रोजगार प्रदान कर सकते हैं.
हर वर्ग हर तबके के लिए शुरू की गई है योजनाएं
मुख्यमंत्री – राज्य के हर तबके और हर वर्ग की जरूरतों को ध्यान में रखकर योजनायें चलाई जा रही है. इस कड़ी में ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालकों के लिए पशुधन विकास योजना शुरू की गई है. इसके तहत मुर्गी पालन, मछली पालन, सूकर पालन, बत्तख पालन, दुधारू गाय का वितरण लाभुकों के बीच किया जा रहा है. मुर्गी पालन करने वालों से कहा कि वे अंडा का उत्पादन करें, सरकार उन अण्डों को खरीदेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं की पूरी उपयोगिता के साथ लोगों को लाभ देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है.
हड़िया-दारु बेचना छोड़े सरकार आपको रोजगार देगी
मुख्यमंत्री – राज्य में गरीबी की वजह से खासकर आदिवासी महिलाएं हड़िया-दारु बेचने को मजबूर हैं. ऐसी महिलाओं को सम्मानजनक आजीविका से जोड़ने के लिए फूलो झानो आशीर्वाद योजना शुरू की गई है. हड़िया-दारू बेचने का काम छोड़ने वाली महिलाओं को सरकार रोजगार से जोड़ना चाहती है. सरकार के द्वारा सार्वभौमिक पेंशन योजना शुरू की गई है. इसके तहत आयकर दाताओं को छोड़कर 60 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को विभिन्न पेंशन योजनाओं से जोड़ा जा रहा है.
महिला समूह को बढ़ावा दे रही सरकार
सरकार राज्य के महिला समूहों को बढ़ावा देने के लिए हर स्तर पर सहयोग कर रही है. बैंकिंग लिंकेज समेत अन्य माध्यमों से उन्हें पूंजी उपलब्ध कराया जा रहा है. उनके उत्पादों के प्रमोशन तथा बाजार उपलब्ध कराने के लिए पलाश ब्रांड की शुरुआत की गई है. इसका मकसद महिला स्वयं सहायता समूह के जरिए महिलाओं का सशक्तिकरण करना है. उन्होंने कहा कि सोना-सोबरन धोती-साड़ी योजना के तहत लाभुकों को 10 रुपए में हर साल 2 बार धोती-साड़ी उपलब्ध कराया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने सरकार द्वारा चलाई जा रही अन्य योजनाओं से भी लोगों को अवगत कराया.
लाभुकों के बीच बांटी परिसंपत्ति व नियुक्ति पत्र का किया वितरण
बोकारो जिले में विभिन्न सरकारी विभागों में 92 लोगों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया. वहीं, 189 लोगों के नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने का कार्य अंतिम चरण में है. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सांकेतिक रूप से कुछ कर्मियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया. इसके अलावा 5 लाभुकों को भूमि पट्टा, 4 आजीविका सखी मंडलों को मिनी ट्रैक्टर, 2 मत्स्यजीवी सहयोग समिति को मोटर चलित नाव, 2 लाभुकों को गाय, 3 लाभुकों को केसीसी, 2 महिला स्वयं सहायता समूहों को पूंजी के रूप में 5.72 करोड़ रुपये, 3 स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं का फूलो झानो आशीर्वाद योजना के तहत सम्मान के अलावा लाभुको को वृद्धावस्था, विधवा, राष्ट्रीय पारिवारिक हित लाभ प्रदान किया गया.