झारखण्ड : समाज को सुरक्षित को लेकर सीएम हेमन्त का कार्यकाल राज्य पुलिस व जनता के बीच के रिश्ते को मजबूत करने में प्रतिबद्ध दिखी है. पुलिस विभाग की कई जायज माँगो को पूरा भी किया गया.
रांची : पूर्व सरकारों की नीतियों तले झारखण्ड की विधि व्यवस्था लचर रही है. जिसके अक्स में राज्य में नक्सलवाद फला-फूला. जिसके आड़ में आदिवासियों का सुनियोजित शोषण हुआ, पुलिसिया व नक्सली धौंस ने उन्हें पलायन होने पर विवश किया. जिसका सीधा फायदा खनन समेत अन्य इलाकों में बाहरियों को हुआ. इस सच्चाई को सीएम हेमन्त सोरेन समझा और यही कारण रहा कि सीएम का कार्यकाल पुलिस-जनता के बीच का रिश्ता मधुर करने में प्रतिबद्ध दिखा.
सीएम हेमन्त सोरेन के द्वारा पुलिस व जनता के बीच के उलझे संवाद को सिरे से सुधारने हेतु ज़मीनी स्तर से कयाद शुरू हुई. सीएम के द्वारा एक तरफ लगातार विधि व्यवस्था की समीक्षा की गई तो दूसरी ओर पुलिस विभाग को जन पक्ष में कई अहम निर्देश दिए गए. पुलिस विभाग की वर्षों से लंबित कई जायज मांगों को पूरा किया गया. जिसके पीछे सरकार की स्पष्ट मंशा दिखी कि राज्य के पुलिस विभाग को वह तमाम सुविधाएं मिलेगी जिससे वह जनता की सेवा कर सके.
विधि-व्यवस्था की समीक्षा बैठक में सीएम जन सुरक्षा को लेकर गंभीर
सीएम हेमन्त की उपस्थिति में 16 जून 2023 को हुई विधि-व्यवस्था की समीक्षा बैठक में भी यही मंशा स्पष्ट हुआ. जिसमें वरीय पदाधिकारियों, जिलों के उपायुक्त एवं वरीय पुलिस अधीक्षक व पुलिस अधीक्षक को इस मंशा से सम्बंधित तमाम अहम निर्देश दिया गया. सीएम का स्पष्ट कहना कि पुलिस और जनता का रिश्ता जितना मजबूत होगा, विधि-व्यवस्था संधारण में उतनी ही सहूलियत होगी. सीएम का आम जनपक्ष में पुलिस विभाग की जरुरत व उपयोगिता को दर्शाता है.
समीक्षा बैठक में सीएम हेमन्त सोरेन का मुख्य वक्तव्य
- समाज को सुरक्षित रखने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है.
- आपकी सूझबूझ, कार्यशैली, सूचना तंत्र, सतर्कता से ही विधि-व्यवस्था का बेहतर संधारण संभव.
- राज्य में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.
- राज्य में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखने में सभी जरुरी संसाधन व जरूरतें पूरी होगी.
- वर्तमान तथा भविष्य की चुनौतियों से निपटने की रणनीति बनाने की है जरूरत.
- उग्रवाद पर नियंत्रण झारखण्ड की बेहतर पुलिसिंग का परिणाम है.
- अवैध खनन रोकना सरकार की प्राथमिकता.
- जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर सोशल एक्टिविटीज आयोजित हो.
असामाजिक तत्वों का डेटाबेस तैयार करें – सीएम हेमन्त
सीएम के द्वारा दर्ज विभिन्न कांडों में सजा की दर कम होने पर चिंता जताई गयी. सीएम के द्वारा निर्देश दिया गया कि पुलिस पदाधिकारी प्रतिनियुक्त किए जाएं. असामाजिक तत्वों का डेटाबेस तैयार हो ताकि, तनाव की स्थिति में उन पर दबीस बढ़ा सिचुएशन को नियंत्रित किया जा सके. जिले में डीसी और एसपी के बीच बेहतर समन्वय से ही कानून एवं व्यवस्था तथा अपराध नियंत्रित होता है. इसलिए मुख्यालय में समन्वय बनाए रखने हेतु नियमित बैठक होती रहे.
कांडों की विस्तार से एनालिसिस करें व लंबित कांडों में कमी लाएं -सीएम
सीएम के द्वारा कहा गया कि पुलिस और जनता के बीच विश्वास जितना मजबूत होगा, विधि व्यवस्था संधारण उतनी सुदृढ़ होगी. अपराधियों द्वारा कानून हाथ में लेने की स्थिति में उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो. विभिन्न आपराधिक कांड जैसे हत्या, डकैती, लूट, साइबर अपराध, महिला हिंसा, दुष्कर्म, एससी-एसटी उत्पीड़न, अपहरण, पोक्सो एक्ट, मानव तस्करी के दर्ज मामलों में गहन एनालिसिस हो. अपराध की मुख्य वजह सामने ला काण्ड को निपटाराकरने पर फोकस हो.
ज्ञात हो की 30 अप्रैल 2023 तक पूरे राज्य में कुल 20446 कांड दर्ज हुए हैं. राज्य में दर्ज विभिन्न कांडों की संख्या, लंबित कांडों और वारेन्ट से सम्बंधित अनुसंधान एवं सुपरविजन कारवाई हो. सीएम के द्वारा लंबित कांडों की संख्या में कमी लाने के लिए असरदार एक्शन प्लान बनाने का निर्देश दिया गया. इसके अलावा अपराधों के अनुसंधान में तेजी लाने के लिए अनुसंधान पदाधिकारी (आईओ) के साथ सहायक अनुसंधान पदाधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिया गया.
सीएम हेमन्त सोरेन के द्वारा अधिकारियों को दिए गए अन्य महत्वपूर्ण निर्देश
- नाइट पेट्रोलिंग और चेकिंग अभियान को बढ़ाने और नियमित करने के निर्देश.
- सोशल पुलिसिंग को मजबूत और बेहतर बनाने के साथ ज्यादा इस्तेमाल हो.
- सभी जिले अपनी पूरी पुलिस सेटअप को रिव्यू कर सरकार को प्रपोजल भेजें , ताकि जरूरी संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके.
- 4 से 5 वर्ष पुराने एक भी केस लंबित नहीं रहे यह सुनिश्चित हो.
- लंबित वारेंट्स, कुर्की जब्ती और सीसीए से जुड़े मामलों के निष्पादन हेतु विशेष ड्राइव चलाएं.
- संगठित आपराधिक गिरोह के सक्रिय अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष स्ट्रेटजी बनाकर कार्रवाई हो.
- जेलों में योजनाबद्ध नियमित रूप से निरीक्षण और औचक छापेमारी हो.
- दूसरे राज्यों से अवैध शराब और मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने विशेष सतर्कता बरतने और लगातार छापेमारी करने के निर्देश.
- साइबर अपराध और आईटी से जुड़े मामलों का प्रायोरिटी तय हो.
- सभी पुलिस अधीक्षकों को जिलों के थानों का नियमित निरीक्षण करने का निर्देश.
- स्कूलों के आसपास की दुकानों में हो रही ड्रग्स की अवैध बिक्री के रैकेट्स विशेष रणनीति कार्वाए हो. ताकि इसके गिरफ्त में आने से बच्चों को बचाया जा सके.
- महिला सुरक्षा को लेकर महिला कॉलेज और महिला विद्यालय के आसपास सीसीटीवी कैमरा लगाएं. इसके अलावा सिविल ड्रेस में पुलिस बलों की तैनाती के साथ रेगुलर पेट्रोलिंग हो.