मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी इलाज योजना : कई गंभीर बीमारियों में हेमन्त सरकार पहुंचा रही ही जनता तक मदद, लाभुकों में सरकारी कर्मी, श्रमिक व मध्यम वर्ग भी शामिल

झारखण्ड : गरीबों के अलावा अब 8 लाख तक आय वाले मध्यम वर्ग के लोगों को भी मिलेगा मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी इलाज योजना का लाभ, एसिड अटैक के मामले भी शामिल

  • सरकारी पदाधिकारियों और कर्मचार‍ियों को गंभीर बीमारियों में अस्पतालों में ओपीडी में इलाज के लिए मिल रही प्रतिपूर्ति राशि.
  • सिलिका कारखानों के श्रमिकों को ‘कारखाना सिलिकोसिस लाभुक सहायता योजना’ के तहत मिलेगा सामाजिक सुरक्षा.

रांची : झारखण्ड राज्य हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में स्वास्थ्य की दिशा में लगातार कीर्तिमान स्थापित कर रही है. एक कल्याणकारी राज्य की भावना के तहत हेमन्त सरकार में शिक्षा की ही भांति स्वास्थ्य भी प्राथमिकता सूची में है. मुख्यमंत्री स्वयं इस दिशा में गंभीर देखे जाते हैं. उनके नेतृत्व में सरकार द्वारा फैसला लिया गया है कि अब कई गंभीर बीमारियों में सरकार राज्यवासियों को आर्थिक मदद प्रदान करेगी. साथ ही लाभुकों का दायरा भी बढ़ाया गया है. लाभुकों की श्रेणी में अब गरीबों के अलावा सरकारी पदाधिकारी, कर्मचारी, कारखानों में कार्यरत श्रमिक व राज्य के मध्यम आय वर्ग की जनता को भी शामिल किया गया है.

सरकारी पदाधिकारियों और कर्मचार‍ियों को अब ओपीडी इलाज में मिलेगी आर्थिक सहायता

हेमन्त सरकार राज्य के सरकारी पदाधिकारियों और कर्मचारियों को कई गंभीर बीमारियों में ओपीडी इलाज में भी आर्थिक मदद प्रदान कर रही है. अब सरकार इन्हें दिल, ल‍िवर, किडनी आदि से संबंधित कई गंभीर बीमारियों में ओपीडी इलाज के लिए प्रतिपूर्ति राशि शामिल है. इसके अलावा हेपेटाइटिस बी, लिवर सिरोसिस, हीमोफीलिया, लिवर प्रत्यारोपण, डायलिसिस, ब्लड प्रेशर, HIV, कालाजार, लकवा, डायबीटिज, हृदय रोग एवं कैंसर आदि के ओपीडी में चिकित्सा पर भी लाभ मिलेगा. 

8 लाख तक आय वाले मध्यम वर्ग को भी मिलेगा मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी इलाज योजना का लाभ

8 लाख तक वार्षिक कमाने वाले मध्यम आय वर्ग की जनता को भी अब मिलेगा मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी इलाज योजना का लाभ. योजना सूची में किडनी, लीवर से संबंधित बीमारियों को भी शामिल किया गया है. योजना के तहत इन बीमारियों के मरीज 5 लाख तक का इलाज किसी भी रजिस्टर हॉस्पिटल में करा सकेंगे. इसमें एसिड अटैक के मामलों को भी शामिल किया गया है, जिसमें सरकार पूरा खर्च उठाएगी. 

मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी इलाज योजना का लाभ लेने के लिए लाभुक की सालाना आय लगातार 3 साल तक 8 लाख रुपये से कम होनी चाहिए. योजना के लिए राज्य के बाहर कुल 41 अस्पतालों को चिह्नित किया गया है. इन अस्पतालों को योजना से जोड़ा जाएगा. इनमें वेदांता मेडिसिटी गुड़गांव, डाइसन हॉस्पिटल कोलकाता, अपोलो कोलकाता, मुंबई स्थित टाटा स्मारक अस्पताल समेत देश के सभी चिकित्सा कॉलेज और केंद्र सरकार के सभी चिकित्सा संस्थान शामिल है.

फेफड़ों की गंभीर बीमारी से बचाव में भी हेमन्त सरकार दे रही सामाजिक सुरक्षा

ज्ञात हो, हेमन्त सरकार में खनन क्षेत्र के कारखानों में कार्यरत श्रमिकों के स्वास्थ्य को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है. राज्य में सिलिका युक्त काऱखानों में काम कर रहे श्रमिकों को भी सरकार सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ देगी. ऐसे श्रमिकों के लिए हेमन्त सरकार ने ‘कारखाना सिलिकोसिस लाभुक सहायता योजना’ शुरू करने जा रही है. कारखानों में कार्यरत कोई श्रमिक अगर इस बीमारी से मरता है, तो सरकार उसके आश्रितों को 4 लाख रुपये की आर्थिक मदद देगी. वहीं, इससे पीड़ित होने पर कर्मियों को 1 लाख रुपये की मदद दी जायेगी. 

गौरतलब है कि झारखण्ड एक खनिज बहुल राज्य है. राज्य में कोयला, लोहा, यूरेनियम, ग्रेनाइट, स्टोन क्रशर सहित अन्य खनन से जुड़ी सार्वजनिक व निजी क्षेत्र के कई कारखाने हैं. इन कारखानों में कार्यरत कर्मियों को खनिज के धूल-कणों के फेफड़े में जाने से कई प्रकार की गंभीर बीमारी होती है. इसमें सिलिकोसिस प्रमुखता से शामिल हैं.

आयुष्मान योजना की तर्ज पर 5 लाख रुपये तक का सभी को मिलेगा स्वास्थ्य बीमा का लाभ

केंद्रीय आयुष्मान भारत योजना की तर्ज पर हेमन्त सरकार में भी राज्य के हर व्यक्ति को स्वास्थ्य बीमा से जोडऩे की पहल हुई है. सरकार द्वारा निर्णय लिया गया है कि राज्य में एपीएल परिवारों को भी स्वास्थ्य बीमा योजना से जोड़ते हुए उन्हें 5 लाख रुपये तक स्वास्थ्य बीमा मुहैया करायी जायेगी.  हालांकि, इसका लाभ राज्य व केंद्र सरकार के नियमित कर्मियों को नहीं मिलेगा. इस योजना के तहत एपीएल लोगों के इलाज में अगर 5 लाख रुपये खर्च हुए तो 1 लाख बीमा कंपनी को, 2 लाख राज्य सरकार और 2 लाख का वहन लाभुक को खुद करना होगा.

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