मुख्यमंत्री ने मेगा परिसंपत्ति वितरण कार्यक्रम में 28 लाख 45 हज़ार 759 लाभुकों के बीच, 11 अरब 27 करोड़ 52 लाख 91 हज़ार 884 रुपए की परिसंपत्तियां की वितरण. कार्यक्रम में 1423 नवचयनित कर्मियों को मिला नियुक्ति पत्र…
अगले 6 महीने में 30 हज़ार नौजवानों को रोजगार देने का मुख्यमंत्री ने दिलाया विश्वास.
राज्यवासियों की उम्मीदों और जरूरतों के हिसाब से बनाई जा रही कार्य योजनाएं.
जब आपके चेहरे पर मुस्कान होगी, तभी सरकार की योजनाएं सफल होंगी.
एक ऐसी व्यवस्था बना रहे हैं , जहां किसी के सामने रोजी रोटी का संकट नहीं होगा.
हेमन्त सोरेन, मुख्यमंत्री, झारखण्ड (मेगा परिसंपत्ति वितरण कार्यक्रम)
मुख्यमंत्री : जनहित से जुड़ी योजनाओं से कोई वंचित ना रहे, इसीलिए आपकी सरकार चला रही है “आपके अधिकार आपके द्वार” कार्यक्रम
दुमका : राज्य की 80% आबादी ग्रामीण परिवेश से आती है. ऐसे में जब गांव मजबूत होंगे, तभी प्रखंड, जिला और राज्य सशक्त बनेगा. इसी मकसद से राज्यवासियों की उम्मीदों, आकांक्षाओं और जरूरतों के हिसाब से कार्य योजनाएं बनाई जा रही है. जनहित से जुड़ी योजनाओं से कोई वंचित ना रहे, इसीलिए “आपके अधिकार आपकी सरकार आपके द्वार” कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इसके माध्यम से गांव- गांव और पंचायत स्तर पर शिविर लगाकर आपकी समस्याओं का निष्पादन और योजनाओं से जोड़ा जा रहा है .
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज दुमका में “आपके अधिकार आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम” के अंतर्गत प्रमंडल स्तरीय मेगा परिसंपत्ति वितरण कैंप को संबोधित किया. उन्होंने लोगों से कहा कि वे इस कार्यक्रम का जरूर हिस्सा बनें, क्योंकि जब आपके चेहरे पर मुस्कान होगी. आपको मान सम्मान मिलेगा, तभी सरकार की योजनाएं सफल होंगी.
अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को भी मिले योजनाओं का लाभ
मुख्यमंत्री – झारखण्ड की भौगोलिक संरचना थोड़ी जटिल है. सुदूर और दूर-दराज के गांवों में रहने वाले ग्रामीणों को सरकारी कार्य अथवा योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रखंड या जिला मुख्यालय आना पड़ता है. यहां आने के बाद भी अगर उनका कार्य नहीं हो पाता है तो उन्हें काफी मानसिक पीड़ा होती है. वे योजनाओं का लाभ लेने के बाबत सोचना भी छोड़ देते हैं. इसी बात को ध्यान में रखकर सरकार आपके द्वार पर आकर कल्याणकारी योजनाओं से आपको जोड़ रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने के लिए सरकार कृत संकल्प है. आप सभी के सहयोग से राज्य के विकास को गति दी जा रही है. हम एक ऐसी व्यवस्था बना रहे हैं , जहां किसी के सामने रोजी रोटी का संकट नहीं होगा.
कोरोना काल में भी सरकार ने जीवन-जीविका पर नहीं आने दिया संकट
मुख्यमंत्री – सरकार गठन के कुछ ही महीने हुए थे कि कोविड-19 महामारी ने हमें अपनी गिरफ्त में ले लिया. लॉकडाउन ने लोग को घरों में कैद दिया. सारी व्यवस्थाएं ठप हो गई. प्रवासी मजदूर घर लौटे. ऐसे में सरकार के सामने उन्हें रोजगार-भोजन मुहैया कराने की बड़ी चुनौती आ खड़ी हुई. लेकिन, सरकार घबराई नहीं बल्कि अपनी बेहतर प्रबंधन से लॉकडाउन के दौरान राज्य वासियों के जीवन- जीविका के लिए पूरी ताक़त से कार्य करती रही. कई योजनाएं धरातल पर उतारी गई और आज जब जीवन सामान्य होने की ओर अग्रसर है, तब भी उसका फायदा देखने को मिल रहा है. आगे भी समाज के सभी जरूरतमंद लोगों के लिए योजनाएं बनाई जा रही हैं.
लोगों को पैरों पर खड़ा करने का संकल्प
मुख्यमंत्री – राज्य के नौजवानों को रोजगार देने की दिशा में सरकार तेजी से काम कर रही है. पहली बार विभिन्न विभागों की नियुक्ति नियमावली बनाई गई. इसमें आदिवासियों-मूल वासियों को सरकारी नौकरियों में तरजीह देने की व्यवस्था है. वहीं, राज्य में अवस्थित निजी कंपनियों में भी संचालकों को 75% नौकरी स्थानीय लोगों को देने की व्यवस्था की गई है. पुलिस नियुक्ति नियमावली में बदलाव किया गया है. अब पहले शारीरिक परीक्षा होगी फिर लिखित. उन्होंने कहा कि आने वाले 6 महीनों के अंदर 30 हज़ार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा. मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत स्वरोजगार के लिए सब्सिडी पर 25 लाख रुपए तक का लोन सरकार द्वारा दिया जा रहा है.
सरकार की नई उद्योग नीति को उद्योग जगत की मिल रही सराहना
मुख्यमंत्री – राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए नई उद्योग एवं प्रोत्साहन नीति बनाई गई है. इस नीति को उद्योग जगत की सराहना मिल रही है और वह यहां उद्योग लगाने की इच्छा जता रहे हैं. हमारा प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा उद्योग यहां स्थापित हो और स्थानीय लोगों को व्यापक स्तर पर रोजगार के अवसर मिले.
महिला समूह के उत्पादों को सरकार स्वयं खरीदेगी
मुख्यमंत्री – महिला मंडलों के द्वारा बनाए जा रहे उत्पाद के प्रमोशन और बाजार मुहैया कराने के लिए सरकार स्वयं हर संभव कदम उठा रही है. इसके तहत पलाश ब्रांड को व्यवसायिक रूप दिया जा रहा है, जिसमें उनके तमाम उत्पादों को सरकार खरीदने का काम कर रही है. इससे महिलाएं सशक्त और स्वावलंबी बनेंगी. मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से लोगों को अवगत कराया.
किस जिले के कितने लाभुकों के बीच कितनी परिसंपत्ति का वितरण
समारोह में संथाल परगना प्रमंडल के अंतर्गत आने वाले 6 जिलों के लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण हुआ.
- दुमका जिले के 3 लाख 24 हज़ार 998 लाभुकों के बीच 3 अरब 1 करोड़ 86 लाख 49 हज़ार 71 रुपए.
- पाकुड़ जिले के 2 लाख 83 हज़ार 178 लाभुकों के बीच 1 अरब 77 करोड़ 50 लाख 36 हज़ार 900 रुपए.
- गोड्डा जिले के 9 लाख 54 हज़ार 242 लाभुकों के बीच 1 अरब 82 करोड़ 94 लाख 27 हज़ार 819 रुपए.
- साहिबगंज जिले के 3 लाख 37 हज़ार 39 लाभुकों के बीच 1 अरब 71 करोड़ 28 लाख 82 हज़ार 426 रुपए.
- देवघर जिले के 9 लाख 22 हज़ार 650 लाभुकों के बीच 1 अरब 68 करोड़ 87 लाख 97 हज़ार 300 रुपए.
- जामताड़ा जिले के 23 हज़ार 652 लाभुकों के बीच 1 अरब 25 करोड़ 04 लाख 98 हज़ार 368 रुपए.
अबतक कुल 28 लाख 45 हज़ार 759 लाभुकों के बीच 11 अरब 27 करोड़ 52 लाख 91 हज़ार 884 रुपए की परिसंपत्तियों का किया वितरण किया जा चुका है. शिविर में 1423 नवनियुक्त कर्मियों को नियुक्ति पत्र भी प्रदान किया गया.