हेमन्त शासन : नेचुरल व आर्टिफीसियल दोनों संभावनाओं को मिल रहा संरक्षण 

झारखण्ड : वह राज्य जहां नेचुरल व आर्टिफीसियल दोनों प्रकार की संभावनाएं है. ऐसा केवल राज्य की जनता ही नहीं मानते, सीएम का भी मानना है. नतीजत, इस दिशा में जनता व सरकार के सम्मलित बढ़ते कदम स्पष्ट देखे जा सकते है.

रांची : झारखण्ड एक ऐसा राज्य है जहां नेचुरल व आर्टिफीसियल दोनों प्रकार की संभावनाएं है. ऐसा केवल राज्य की जनता ही नहीं मानते, इस राज्य के सीएम का भी मानना है. और ऐसा दृश्य झारखण्ड में 20 वर्षों के बाद देखने को मिला है. मसलन, सीएम सोरेन के शासन में यह सच शिक्षा, संस्कृति, प्राकृतिक धरोहर, खेल, कर्मचारी, आदिवासी, दलित, ओबीसी, महिला संरक्षण जैसे आयाम कई रूपों में वर्तमान में देखने को मिल रहा है. जिसका फलाफल भी देखने को मिलने लगा है. 

हेमन्त शासन : नेचुरल व आर्टिफीसियल दोनों संभावनाओं को मिल रहा संरक्षण 

झारखण्ड को मिलने लगा है सम्मान 

ज्ञात हो, प्रथम हॉकी इंडिया ईस्ट जोन जूनियर महिला एवं पुरुष राष्ट्रीय हॉकी चैंपियनशिप 2023 में झारखंड की महिला हॉकी टीम ने मिजोरम की टीम से पेनाल्टी शूटआउट में जीत हासिल की तो वहीं झारखण्ड की पुरुष हॉकी टीम ने ओडिशा की टीम पर 3-1 से जीत हासिल की. प्लेयर ऑफ द मैचसुश्री अनुपमा होरो व श्री दीपक सोरिंग रहे. 

20वें कंप्यूटर सोसाइटी ऑफ इंडिया (CSI), स्पेशल इंटरेस्ट ग्रुप (SIG) ई-गवर्नेंस अवार्ड्स द्वारा 25-मार्च 2023 को नई दिल्ली में आयोजित एक राष्ट्रीय कार्यशाला में JeGRAS को “मान्यता का पुरस्कार”  (Award of Recognition) से सम्मानित किया गया है. JeGRAS को झारखण्ड सरकार के संपूर्ण कर और गैर-कर राजस्व के केंद्रीकृत संग्रह के लिए भी सम्मानित किया गया है. 

झारखण्ड विकास में लगातार बढ़ रहे हैं सीएम सोरेन के कदम 

सीएम सोरेन के द्वारा राज्य में छात्रावासों को सुसज्जित और उसमे जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है. छात्रावासों के जीर्णोद्धार कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है. इसमें विशेष तौर पर अनुसूचित जातियों के छात्रावासों को नया आयाम देने की कार्य योजना बना ली गई है. जिसमें तहत गर्ल्स और बॉयज के लिए अलग-अलग मल्टी स्टोरी छात्रावास बनेगा. और 500 लड़के और 500 लड़कियों के रहने की मुकम्मल व्यवस्था होगी. 

रांची वीमेंस कॉलेज के साइंस और आर्ट्स ब्लॉक के जीर्णोद्धार करने की घोषणा हो चुकी है. आदिवासियों की आस्था से जुड़े सरना और मसना स्थल को संरक्षित करने के दिशा में सरकार कार्य कर रही है.साह ही सीएन के द्वारा सामाजिक धरोहरों को अक्षुण्ण रखने में समाज को भी भागीदार बनने की अपील की गई है. ऐसा प्रतीत होता है की सरकार व राज्य की जनता का सम्मलित प्रयास  राज्य को अलग व मुक्कमल पहचान दे सकते हैं.

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