झारखण्ड : बीज वितरण में एक लाख से अधिक किसान निबंधित. बीज की मांग में पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 4 गुना वृद्धि. पारदर्शिता और गुणवत्तापूर्ण बीज आपूर्ति में ब्लॉकचेन प्रणाली का उपयोग करनेवाला झारखण्ड देश का पहला राज्य.
रांची : झारखण्ड में ग्रामीण अर्थव्यवस्था के मजबूतीकरण में, कृषि में सबसे महत्वपूर्ण चीज बीज समय से पहले वितरण की प्रक्रिया शुरू हुई है. यह हेमन्त सरकार में, झारखण्ड के इतिहास में पहला मौका है जब बीज विनिमय एवं वितरण कार्यक्रम योजना अंतर्गत किसानों को खरीफ फसल के बीज 50% अनुदानित डर पर, 11 मई 2022 से उपलब्ध कराया जा रहा है. किसानों को कृषि निदेशालय ब्लॉकचेन आधारित ट्रेसबिलिटी प्लेटफॉर्म के जरिए गुणवत्तापूर्ण बीज वितरित हो रहा है. वर्तमान वित्तीय वर्ष में पिछले वर्ष की तुलना में किसानों के समर्थन के लिए बीज मद में 40 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है.
झारखण्ड में इस नवीन व्यवस्था के तहत राज्य के किसानों को समय पर बीज की उपलब्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित करना है. राज्य के लिए अच्छी खबर है कि पिछले वर्ष की तुलना में 4 गुना किसानों की वृद्धि दर्ज हुई है. धान, अरहर, रागी, मूंगफली, मक्का, उड़द और मूंग की 38, 640 क्विंटल बीज की मांग अब तक पूरी की जा चुकी है. खरीफ सीजन में वितरित कुल बीज में 75% की वृद्धि दर्ज हुई है. दलहन बीजों में भी अच्छी वृद्धि हुई है. नयी सरकारी बीज एजेंसी के मनोनयन से बीज की कीमतें पिछले वर्ष की तुलना में 4-16% तक कम हुई हैं.
ब्लॉकचेन प्रणाली से बीज वितरण में झारखण्ड देश में पहला राज्य बना
खरीफ मौसम में मात्र एक महीने में ही 101065 किसानों को ब्लॉकचेन आधारित बीज ट्रेसबिलिटी प्लेटफॉर्म पर निबंधित कर लिया गया है. साथ ही 123 एफपीओ (FPOs) को भी पंजीकृत किया गया है. निबंधन की प्रक्रिया जारी है. इस प्रणाली से बीज के साथ कृषि निदेशालय की अन्य सरकारी कृषि योजनाओं का भी लाभ निबंधित किसानों व एफपीओ को दिया जाएगा. सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने पर किसानों के निबंधित मोबाइल पर एक ओटीपी जाएगा, जिसके माध्यम से ही वितरण की पुष्टि होगी.
बीज वितरण हेतु कृषि निदेशालय और जिला कृषि अधिकारी से आपूर्ति आदेश जारी करने, बीज उत्पादक एजेंसी से गोदाम तक बीज आपूर्ति का पता लगाने के लिए इस प्रणाली का उपयोग हो रहा है. इससे बीज परीक्षण प्रयोगशाला, वितरक, खुदरा विक्रेताओं और अंत में किसानों को समय पर बीज मिलना सुनिश्चित हो जाता है. ब्लॉकचेन लागू करने का उद्देश्य योजनाओं के लाभ के वितरण में पारदर्शिता और प्रमाणिकता लाना है.
बीज वितरण प्रक्रिया में यह ट्रैकिंग प्रणाली बीज की खरीद, बीज का प्रकार, गोदाम, आपूर्तिकर्ता, बीज की आपूर्ति, स्टॉक, गोदामों का चयन, बीज ले जाने वाले वाहन, वजन, समेत अन्य प्रक्रिया की पारदर्शी जानकारी प्रदान कर रहा है. साथ ही सिस्टम के तहत पैनल में शामिल बीज आपूर्तिकर्ता प्राप्त आपूर्ति आदेश का विवरण, वेयरहाउस द्वारा जारी की गई रसीद, आपूर्ति की स्थिति और क्यूआर कोड सहित विभिन्न विशिष्ट पहचानर्ताओं द्वारा बीज की आवाजाही को ट्रैक किया जा रहा है.
ट्रैकिंग प्रणाली करेगा कार्य – दर्ज हो सकेगी प्रतिक्रिया
ब्लॉकचेन आधारित बीज ट्रेसबिलिटी प्लेटफॉर्म के माध्यम से लैम्पस, पैक्स, ब्लॉक, पंचायत जैसे बीज वितरण केंद्र प्रज्ञा केंद्र के माध्यम से सिस्टम के साथ अपने अनुभव साझा कर सकेंगे एवं किसान प्रणाली से जुड़ कर सक्षम पदाधिकारी से बातचीत कर सकेंगे. यह प्रणाली बीजों की आपूर्ति श्रृंखला की सूचना का समय पर प्रसार और गुणवत्तापूर्ण रखरखाव, किसानों तक बीज की पहुंच और उसकी गुणवत्ता को सुनिश्चित करेगा, जो आनेवाले समय में राज्य में बीज वितरण कार्यक्रम की दिशा में अधिक मजबूत बुनियादी ढांचा प्रदान करने में सहायक बनेगा.
यह प्रणाली किसानों का एक डाटा बेस तैयार करेगा, जिसमें किस किसान को किन-किन योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है, पूर्ण जानकारी संधारित होगी. सरकारी योजनाओं की प्रगति व क्रियान्वयन को मापने के लिए ब्लॉकचेन प्रणाली का उपयोग करने वाला झारखण्ड देश का पहला राज्य है. पारदर्शिता से योजनाओं का संचालन करने में इनकी अहम भूमिका रहेगी. बिचौलियों पर नकेल कसी जा सकेगी.