भाजपा ‘तांडव’ नृत्य को राग ‘भैरवी’ से ही शांत कर झारखण्ड चला ‘मल्हार’ गाता भविष्य की ओर 

असंतुलन से प्रकृति में उथल-पुथल मचती रहती है, लेकिन, प्रकृति अपने धुन में मगन जीव कल्याण के उदेश्यों की पूर्ति में निरंतर निर्धारित गति से हर काल खंड में चलायमान रहता है. – हर तांडव का हल है महान भारतीय संस्कृति में…

ईडी असमंजस में है.@HemantSorenJMM सरकार की मंज़िल तक पहुँचने के लिए जितने रास्ते तलाशती है, सभी @dasraghubar सरकार के हवा महल तक पहुँच जाते हैं. दिल्ली से पैनी नज़र रख रहे #ED के दिमाग़ी लाल सप्रेम बाई-पास की तलाश में हैं, पर “जहां जाइएगा हमें पाइएगा” से परेशान हैं. यह शब्द झारखण्ड के पूर्व भाजपा मंत्री, झारखंडी धरती के बुद्धिजीवी के हैं. जो स्पस्ट तौर पर भाजपा के मौकापरस्त झारखंडी लाल समेत फर्जी बाबाओं की मंशा पर जोरदार कुठाराघात करते है, जन कवि पाश के शब्दों की भांति हृदय में जा चुभते हैं.

पहली पीढ़ी के बहुजन नेताओं के बाद हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में भाजपा आइडियोलॉजी के तांडव को मिली है करारी मात 

बाबा साहेब आंबेडकर, बहुजन नेता लालू प्रसाद, दिशुम गुरु शिबू सोरेन, बिनोद बिहारी महतो सरीखे चट्टानों के बाद पहला मौका है -जब झारखण्ड की धरती पर एक बार फिर बहुजन जननेता हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में भाजपा आइडियोलॉजी को करारी मात मिली है. मसलन, भाजपा के ‘तांडव’ नृत्य को राग ‘भैरवी’ से ही शांत कर, झारखण्ड फिर से अडिग चल पड़ा है ‘मल्हार’ गाते हुए सुनहरे भविष्य की ओर. सच ही तो है प्रकृति में असंतुलन से उथल-पुथल मचती रहती है, लेकिन, प्रकृति अपने धुन में मगन जन कल्याण के उदेश्यों की पूर्ति में, निरंतर निर्धारित गति से हर काल खंड में चलायमान रहता है. 

झारखण्ड में साजिशन खड़ी की गई परिस्थति ठीक उस स्थिति से मेल खाती है – जहाँ मनुवाद अपनी भाषा-लिपि को 7000 वर्ष से पहले सिद्ध करने चले थे, लेकिन महज 2500 से 3500 सौ वर्ष पुराने देवानपिय सम्राट असोक के स्तंभ, जिसे भीम का गदा भी प्रचारित किया गया, पर अंकित पाली लिपि को पढने में ही उसका दम फूल गया है. सिन्धु घाटी-मोहन-जोदड़ो की लिप्पि ने तो इन्हें निष्प्राण ही कर दिया है. अन्तः संविधान में अंकित लकीरों के बीच 10% आरक्षण के प्रावधान कर जहाँ खुद को संरक्षित करना ही ठीक समझा है. वहीँ बहुजन नेताओं पर हमले बढ़ा, उन्हें समाप्त कर भारत को हिन्दू दल, मुस्लिम दल व सेक्युलर दल में बाँट, देश को फिर से खंडित का प्रयास जारी है.

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