झारखण्ड : बीजेपी नेता  फेल! झूठ फैलाने हेतु लेना पड़ा रहा यूपी-बिहार के ट्विटर हैंडल्स का सहारा

झारखण्ड : जनता व युवाओं बीजेपी के षड्यंत्र को समझते हुए बनाई उससे दूरी. प्रदेश में बीजेपी की स्थिति यह हो चली है कि उसे यहाँ राजनीति करने के लिए लेना पड़ रहा है बाहरियों के ट्विटर हेंडल का सहारा.  

रांची : झारखण्ड में सीएम सोरेन के द्वारा आदिवासी, मूलवासी व गरीबों के हित में फैसले लेने का सच सामने है. झारखण्डवासी समझ रहे हैं कि सामंतवाद, पूँजीवाद व कॉलिजियम सिस्टम के गठजोड़ में जन हित फैसलों को धरातल पर उतारना सीएम के लिए आसान नहीं है. लेकिन सीएम का इस राह में कुशल रणनीति के साथ लगातार आगे बढ़ना जहाँ राज्यवासियों को राहत दे रहा है. तो वहीं बाहरियों व विपक्ष की चिंताएं बढ़ा चली है.

झारखण्ड : बीजेपी नेता फेल! झूठ फैलाने हेतु लेना पड़ा रहा यूपी-बिहार के ट्विटर हैंडल्स का सहारा

बीजेपी में स्पष्ट दिख रही झारखंडियों के हक-अधिकार की अंतिम आस को समाप्त करने की हडबडाहट 

ऐसे में सीएम सोरेन के बढ़ते पग को रोकने के लिए विपक्ष के नित नए षड्यंत्र का सच सतह पर उभरा है. एक तरफ सीएम को विपक्ष के द्वारा केंद्र के शक्तियों के प्रभाव में जांच एजेंसियों के द्वारा घेरने की कोशिश हुई. पारसनाथ के गोद में सदियों से बसने वाले दो मूल परम्पराओं के आपसी सौहार्द में विष घोलने का कुत्सित प्रयास हुआ. राज्य के युवाओं की चिंताओं को आक्रोश में बदला गया और उस आक्रोश के पीछे खडा हो बाहरियों के एजेंडे को संरक्षण दिया गया.

कॉलिजियम सिस्टम के गठजोड़ में बाहरियों के आसरे नियोजन नीति को रद्द किया गया. तो दूसरी तरफ उसी विपक्ष के द्वारा शातिराना तरीके से सरकार पर जल्द नियोजन नीति बनाने हेतु प्रेशर राजनीति होती रही. ताकि सरकार जल्दबाजी में नियोजन नीति तैयार करे और वह एक बार फिर कॉलिजियम सिस्टम के गठजोड़ व बाहरियों के आसरे झारखंडियों के हक-अधिकार की अंतिम आस को समाप्त कर पायें. 

लेकिन, झारखण्ड की जनता व युवाओं ने जब विपक्ष के षड्यंत्र व राजनीतिक मंशा को समझ गयी. तो उन्होंने उस राजनीति से फिर दूरी बना ली. ऐसे में विपक्ष जहाँ फिर एक बार मुद्दा विहीन वा उसके नेता ख़ारिज हुए हैं. प्रदेश में उनकी स्थिति यह हो चली कि अब उसे राजनीति करने के लिए बाहरियों के ट्विटर हेंडल का सहारा लेना पड़ रहा है. इस फेहरिस्त में महेश त्रिवेदी, विधायक श्यामधनी, जयराम विप्लव जैसे कई नामित हेंडल हैं. जो विभीषणों के आसरे सरकार पर हमलावर हैं. 

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