झारखण्ड : राज्य के अन्नदाता, बिरसा किसान को मिल रहा है पहचान व सम्मान

पूर्व की बीजेपी सत्ता आइडियोलॉजी में किसान को ही आशीर्वाद देने की प्रथा प्रारंभ करने का प्रयास हुआ था. लेकिन, भूख से मौत की तस्वीर ने उस सरकार की पोल खोल दी थी. हेमन्त सत्ता में पालनहारों का आशीष गण को मिले, अन्नदाताओं को बिरसा किसान नाम दिया गया है. 

रांची : राज्य में अधिकाँश किसान आदिवासी-मूलवासी या बहुसंख्यक गरीब वर्ग से आते हैं. ज्ञात हो, पूर्व की बीजेपी सरकार आइडियोलॉजी द्वारा राज्य के ऐसे अन्नदाताओं को आशीर्वाद दिए जाने की प्रथा प्रारंभ करने के प्रयास हुआ था. लेकिन. राज्य में जनता की भूख से मौत की दर्दनाक तस्वीर ने उस सरकार की पोल खोल दी थी. लेकिन पूर्व की उस आइडियोलॉजी के विपरीत हेमन्त सरकार में पालनहारों का आशीर्वाद राज्य की जनता को मिले, इसके लिए राज्य के किसानों को नयी पहचान व सम्मान देने हेतु बिरसा किसान नाम दिया गया है. साथ ही कृषि विकास में किसान आर्थिक मजबूतीकरण में विभिन्न सार्थक कदम उठाए जा रहे हैं.

इस कड़ी में. झारखण्ड में 23 जून 2022 के दिन को खास बनाने का प्रयास सरकार द्वारा हुआ. राज्य के लगभग सभी प्रखंडों में एक साथ समारोह का आयोजन कर सभी बिरसा किसानों को सम्मानित किया गया. इस समारोह में 10 लाख से ज्यादा अन्नदाताओं ने, बिरसा किसानों ने शिरकत की. इस कार्यक्रम के माध्यम से लगभग एक लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड से जोड़ने का सराहनीय व ऐतिहासिक प्रयास हुआ है. मुख्यमंत्री द्वारा पलामू प्रमंडल, लातेहार जिले से बिरसा किसानों को संबोधित किया गया.

हेमन्त सरकार में 5 महीने में केसीसी के तहत 1313 करोड़ रुपए की मिली स्वीकृति

मुख्यमंत्री द्वारा कहा गया कि कृषि एवं अन्नदाता को सशक्तिकरण में विभिन्न योजनाओं पर कार्य हो रहा  है. बिरसा किसानों की आय दोगुना करने हेतु सरकार संकल्पित है. सरकार कृषि उद्यमिता को बढ़ावा दे रही है. कृषि क्षेत्र में उत्पादन बढ़ावा की दिशा में नवीन तकनीकों, नवाचार और आधुनिक उपकरणों के इस्तेमाल को प्रश्रय दिया जा रहा है. किसानों को पूंजी से न जूझना पड़े, इसके लिए पिछले 5 महीने में केसीसी के तहत 1313 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है. जिससे 1 लाख 25 हज़ार किसानों को फायदा पहुंचा है. जिससे किसानों की जिंदगी में आमूलचूल बदलाव आए हैं.

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