भारत बुद्ध का देश है – यह महान देश एक ख़ास आइडियोलॉजी के कारण क्यों शर्मिंदा हो?

बहुजन देश, भारत को आखिर क्यों किसी एक ख़ास आइडियोलॉजी के कारण कतर, बहरीन, ईरान, और कुवैत के सामने सफ़ाई देनी पड़े? क्यों देश असली समस्या से लड़ने के बजाय आपस में लड़े? देश को घड़ी भर रुक गंभीरता से सोचना ही होगा.

रांची : भारत बुद्ध का देश है कहने से ही इस महान देश की तस्वीर एक सहिष्णु, विभिन्न संस्कृति, बहुभाषी, अनेकता में एकता, शांतिप्रिय जैसे परिभाषा में गढ़े नक़्शे के रूप में उभरता है. भारत की महान परम्परा पर भारतियों को ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों को भी गर्व है. लेकिन, केन्द्रीय सत्ता की राजनीतिक आइडियोलॉजी के अक्स में, चंद फ्रिंज एलिमेंट के कारण इस महान देश को कतर, बहरीन, ईरान, और कुवैत के सामने सफ़ाई देनी पड़े, तो जरुरी हो जाता है कि देश को आपस में उलझने के बजाय, एक घड़ी रुक, लम्बी स्वांस भर कर सोचना ही होगा कि आखिर भाजपा-संघ आइडियोलॉजी आधारित राजनीति में क्या ऐसा चल रहा है, जिसे देश शर्मशार होना पड़ा है. 

देश असली समस्या से लड़ने के बजाय क्यों आपस में लड़े, देश को गंभीरता से सोचना ही होगा

बहुजन देश भारत को आखिर क्यों किसी एक नैतिकतारहित, मानवतराहित, लूट संस्कृति वाली आइडियोलॉजी के कारण कतर, बहरीन, ईरान, और कुवैत के सामने सफ़ाई देनी पड़े, क्यों बताना पड़े कि यहां सभी धर्मों का सम्मान होता है. क्यों यह देश असली समस्या से लड़ने के बजाय आपस में लड़े, देश को गंभीरता से दो घडी रुक कर सोचना ही होगा. दुनिया का सबसे बड़ा दल बीजेपी, जिसपर देश ने भरोसा किया, उससे देश को तीखे स्वर में पूछना ही होगा की ऐसे फ्रिंज एलीमेंट को उसे अपना राष्ट्रीय प्रवक्ता तक क्यों बना रखा था? 

झारखण्ड राँची की दुर्घटना, उस आइडियोलॉजी के दुष्प्रभाव का देश के लिए एक कास्टिंग भर हो सकता है. मसलन, हमें अपन भविष्य के लिए जल्द थमने की जरुरत है. देश को केंद्र में रख कर आपस में सद्भावना के साथ संवाद कायम करना ही होगा. और अलग-अलग कन्फ्यूज हो लड़ने के बजाय, एक साथ देश बन, देश को खंडित करने वाले, हजार वर्षों से बहुजन-गरीब समाज का शोषण करने वाले, उस मानवतारहित आइडियोलॉजी पर अपने सांस्कृतिक-ऐतिहासिक आइडियोलॉजी से प्रहार करना ही होगा. साथ ही खुद के भीतर से भी उस लालच सोच का खात्मा कर देश को तरजीह देना ही होगा. अन्य्य्था हमारे आने वाले पीढ़ी के भविष्य में हम अपने हाथों से घना अन्धेरा लिख देंगे.

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