झारखण्ड : राहुल गांधी प्रकरण में गुजरात लॉबी के प्रति समर्पित गुजरात के सामन्ती तानाशाही न्याययिक, संस्थानिक असंवैधानिक चलन पर एक आदिवासी सीएम का तीखा सवाल – आचरण महत्वपूर्ण या नाम?
रांची : केन्द्रीय सत्ता पर काबिज गुजरात लॉबी के तानाशाही चलन में, झारखण्ड प्रदेश के सीएम, हेमन्त सोरेन का सच न केवल गरीब, आदिवासी, दलित, पिछड़ा, अल्पसंख्यक व आम जनता के सरोकार के पक्ष में खड़ा होने से जुड़ा हो. झारखण्ड के मूल हित में एक गठबंधन सरकार को बिना खटास के, बल्कि और मधुरता के बंधन में बाँधने के कुशलता का सच भी लिए हो. तो ‘इण्डिया’ गठबंधन की यह तस्वीर भविष्य के अखंड भारत की सोच को स्पष्ट रूप से परिभाषित कर सकता है.
जिसके अक्स में उस सीएम का व्यक्तित्व शांति पूर्वक बिना खुद को ब्राण्ड साबित किए देश हित में, इंडिया (INDIA) गठबंधन की मंशा को आगे बढाए. सदन में वह सीएम विपक्ष को गुजरात लॉबी के आलोक्तान्त्रिक शासन पद्धति का आईना दिखाए. सुप्रीम कोर्ट के न्याय के प्रति आदर व्यक्त करते हुए, राहुल गाँधी के न्यायिक जीत को बधाई दे. बीजेपी-आरएसएस के नट्ठों (अनुचित नामकरण) के प्रवृति पर सवाल करे कि समाज में ‘आचरण महत्वपूर्ण है नाम’, उनके देशभक्ति को उभार देता है.
झारखण्ड के विधान सभा सत्र में, इंडिया (INDIA) गठबन्ध की आव़ाज जाति जनगणना, मणिपुर दंगा, गरीबों के आवास, केन्द्रीय पक्षपात, राजपाल के कार्यप्रणाली, गोदी मिडिया सच तले पत्रकारों की सामाजिक सुरक्षा व युवाओं के भविष्य के पक्ष में गूंजे. साथ ही विपक्षी अडंगों के वह गठबंधन प्रश्नपत्र लीक जैसे संगठित अपराध, शिक्षा, चिकित्सा, किसानी जैसे जन जरूरतों से सम्बंधित बिल पास कराए. तो देश ‘इंडिया’ गठबंधन के आईने में भविष्य के भारत का स्पष्ट अक्स देख सकता है