झारखण्ड : बीजेपी नेताओं को दागदार बताने वाले बाबूलाल मरांडी और दवा घोटाला आरोपी भानु प्रताप शाही को नहीं मिल रही जनता से तवज्जो.
- बाबूलाल जी जिस “आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार” कार्यक्रम पर सवाल उठा रहे है, वह झारखण्ड के विकास में साबित हो रहा है मील का पत्थर.
- किसी एक विचार पर न टिकने वाले बाबूलाल मारांडी व भानु प्रताप शाही, आज जन जनसमर्पित अभियान पर उठा रहे सवाल. लेकिन जनता ने इनके शब्दों को नकारा.
- ज्ञात हो, बाबूलाल मारांडी ने कहा था कि बीजेपी में वापस जाने से बेहतर कुतुबमीनार से कूदना. शायद कुतुबमीनार से न कूदने के मोह को जनता समझ रही है.
रांची : झारखण्ड के जनता की समस्या हरण व अर्थव्यवस्था मजबूतीकारण के मद्देनजर, सीएम हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में, राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे वार्षिक अभियान ‘आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार’ के सकारात्मक परिणाम सतह पर दिखे हैं. इस अभियान से न केवल लोगों की समस्याओं का निदान हुआ, बढ़ती मंगाई व देश में डूबते अर्थव्ययवस्था के बीच योजनाओं के माध्यम से, राज्य की जनता को आर्थिक मजबूती मिलने का सच सामने भी है.
नतीजतन, जहां एक तरफ झामुमो व उसके सरकार के प्रति राज्य की जनता का विश्वास बढ़ा है. तो दूसरी तरफ विपक्ष में इस अभियान की सफलता ने खलबली मचा दी है. मसलन, विपक्षी नेता आए दिन अभियान में खामियां खोजने को विवश है. लेकिन जनता को इससे कोई फर्क नहीं पड़त दिख रहा. इसके दो प्रमुख कारण है – पहला 22 सालों में पहली बार उन्हें अधिकार मिल रहा है. और दूसरा उन्होंने बीजेपी की नीतियाँ व नेता दोनों का अनुभव है.
मुख्यमंत्री ने स्वयं पांच जिलों का किया दौरा और ऑन-स्पॉट समाधान के दिए निर्देश – रिजल्ट सामने
आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार’ कार्यक्रम का पहला फेज अपने अंतिम चरण की ओर बढ़ चला है. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन पहले फेज में स्वयं गिरीडीह, कोडरमा, बोकारो, चतरा, खूंटी जैसे जिलों का दौरा किए और कार्यक्रम की वस्तुस्थिति की जानकारी ली. उनके द्वारा ग्रामीणों के आवेदनों को ऑन-स्पॉट समाधान करने का निर्देश अधिकारियों को दिया गया.
धरातल पर इसका स्पष्ट असर भी दिखा है. 12 अक्टूबर 2022 से शुरू हुए इस कार्यक्रम के 12वें दिन में लगभग 20 लाख से लाभुकों ने योजनाओं का लाभ लेने और अपनी समस्या को निपटाने हेतु आवेदन दिए. इसमें 50% से अधिक आवेदनों को निपटारा किया जा चुका था. और शेष आवेदनो के निपटारे की प्रक्रिया गति से आगे बढ़ रही थी.
जनता ने स्पष्ट तौर पर उनके मुद्दे पर अडिग खड़े मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का पक्ष लिया है
ज्ञात हो, पूर्व में बीजेपी की जनविरोधी नीतियों पर बाबूलाल मरांडी व भानु प्रताप शाही को राज्य की जनता ने सवाल उठाते लंबे दौर तक देखा है. लेकिन वही जनता जब आज बीजेपी के उसी नीतियों के आसरे इन्हें हेमन्त सरकार के कल्याणकारी कदम पर सवाल उठाते देख रहे हैं. तो जनता ने स्पष्ट तौर पर उनके मुद्दे पर अडिग खड़े मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का पक्ष लिया है. जो नीतिगत रूप से सही भी है. क्योंकि पल-पल अपनी विचारधारा से पलटने वाले पर आखिर जनता कैसे विश्वास करे.
बाबूलाल जी को जनता के समक्ष बयानबाजी नहीं सबूत देना चाहिए – क्योंकि जनता ने उन्हें अपने वचनों से फिरते देखा है
एक तरफ राजधानवार की जनता का मानना है कि बाबूलाल जी को अपनी विधायकी क्षेत्र का भी खबर नहीं है. दूसरी तरफ बाबूलाल जी का आरोप है कि बगोदर में दलाल और बिचौलिया कार्यक्रम के नाम पर महिलाओं से वसूली कर रहे हैं. ऐसे में बाबूलाल जी को सरकार या मीडिया के समक्ष सबूत पेश करना चाहिए. यदि मामले में कार्रवाई नहीं होती है तो सरकार को दोषी माना जा सकता है. अन्यथा यह केवल राजनीतिक स्टन्ट भर ही है.
ज्ञात हो, राज्य की जनता इनकी बयानबाजी लंबे समय से सुनती आई है. वह बीजेपी में जाते ही कुतुब मीनार से कूदने वाले थे, शायद सीएम बनने के आस में नहीं कूदे. मसलन, बाबूलाल मारांडी को राज्य की जनता गंभीरता से नहीं ले रही है. ज्ञात हो, 2014 से 2017 तक बाबूलाल जी रघुवर सरकार को कई बार दागी बताया चुके हैं. वह स्पष्ट कहते थे कि रघुवर सरकार के दामन पर लगे दाग कभी नहीं धुलेंगे. लेकिन आज उसी रघुवर दास के साथ मंच साझा करते जनता देख रही हैं.
जीवन रक्षक दवा के नाम पर करोड़ों लुटने वाले भानु प्रताप के शब्दों जनता मान रही ढकोसला
भानु प्रताप शाही करोड़ रुपए के जीवन रक्षक दवा घोटाले के आरोपी हैं. खुद को पवित्र करने हेतु उन्होंने बीजेपी का दामन थामा. इसलिए राज्य की जनता उनके शब्दों को ढकोसला मानती है. ज्ञात हो, उन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर राज्य की जनता व कर्मचारी वर्ग के तीखे सवालों का सामना पड़ा था. लेकिन राजनीति में अस्तित्व जिंदा रखने के मद्देनजर वह सरकार के विरुद्ध बयानबाजी करते देखे जाते हैं. सरकार आपके द्वार जैसे जन कार्यक्रम पर भी उनके द्वारा छींटा-कसी की गई.