दृष्टिकोण शिक्षा-आरक्षित-ग़रीब वर्ग के लिए 15 अगस्त के मायने

झारखण्ड : आरक्षित व गरीब वर्गों के लिए ‘15 अगस्त’ केवल आजादी का स्मरण भर नहीं, सामाजिक समरसता, समानता, शिक्षा और प्रोत्साहना का लालायित आस भी है. सीएम हेमन्त का कार्यकाल स्पष्ट उदाहरण.

रांची : भारत जैसे जाति प्रधान देश में, शिक्षा जैसे मूलभूत अधिकार के अक्स में 15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस के मायने महत्वपूर्ण है. आरक्षित व गरीब वर्गों के लिए यह दिवस केवल आजादी का स्मरण भर नहीं, सामाजिक-आर्थिक समरसता, समानता, शिक्षा और प्रोत्साहना का आस भी है. तभी तो आरक्षित वर्ग भारत के संविधान को और उसके रचियता को हृदय के करीब रखता है. झारखण्ड जैसे गरीब, आदिवासी, दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यक बाहुल्य प्रदेश इसका सच भर हो सकता है.

दृष्टिकोण शिक्षा-आरक्षित-ग़रीब वर्ग के लिए 15 अगस्त के मायने

तथ्य का चित्रण झारखण्ड के मौजूदा सीएम हेमन्त सोरेन का कार्यकाल स्पष्ट समझ लिए है. राज्य के 18 वर्षों के ऐतिहासिक सामंती त्रासदी के बाद जब इस वर्ग का मानसिकता एक आदिवासी सीएम के रूप में सत्ता पर बैठा, तो उसके कार्यकाल में राज्य को शिक्षा मुहैया करने की तड़प, गरीब-आरक्षित वर्गों के दृष्टिकोण से भारत के स्वतंत्रता दिवस के मायने के उस आस को परिभाषित कर रहा है. और ‘मरङ गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना’ इसका सर्वश्रेष्ठ उदहारण है.

स्वतंत्रता दिवस भारतीय विकास का वह मानवीय ब्रिज है जो समाजिक समानता और अखंडता का नीव हर वर्ष रखता है. और उत्तम शिक्षा इसका प्राथमिक विकल्प है. क्योंकि यही शाक्यमुनि बुद्ध के अष्टांगिक मार्ग का असल सिद्धांत है. जिसका अनुसरण दुनिया करती है. ‘मरङ गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना’ इसी समझ का आधुनिक रूप है. जिसके अक्स में झारखण्ड प्रदेश के गरीब-आरक्षित वर्ग का जुड़ाव विदेशों के उन्नत मान्यताप्राप्त शिक्षण संस्थानों से संभव हुआ है.

बतौर सीएम एक आदिवासी ने कहा -कोई भी प्रतिभावान विद्यार्थी शिक्षा से नहीं होगा वंचित 

सीएम हेमन्त सोरेन मरङ गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना के तहत चयनित 25 विद्यार्थियों को सम्मानित करे. जिसका अक्स एसटी -10, एससी -5, ओबीसी -7 और अल्पसंख्यक -3, विद्यार्थियों का सरकारी खर्च पर विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्ति का सपना साकार होने का सच लिए हो. और सीएम 15 अगस्त से पहले स्वर्गीय जननेता जगरनाथ महतो याद करते हुए, दुनिया के सैंकड़ों विश्वविद्यालय में उच्चतम कोर्स के लिए स्कॉलर्स प्रदान की घोषणा करे. तथ्य की प्रामाण है. 

बतौर सीएम एक आदिवासी और ओबीसी प्रतीक जगरनाथ महतो का संकल्प आर्थिक रूप से कमजोर प्रतिभावान विद्यार्थियों की शिक्षा मुहैया कराने जा जुड़े. जिसके अक्स में बच्चों की प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक का खर्च वहन करने का सच हो. आने वाली पीढ़ी को दृष्टा देने का सच हो. प्रतिभावान बच्चों को हुनर दिखाने हेतु मौका देने का सच हो. विद्यार्थियों का बेहतर मुकाम का अक्स झारखण्ड व देश विकास जोड़ने का प्रयास हो. तो यह सीएम के लोकतांत्रिक दूरदर्शी सोच का आइना ही तो है.

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