आदिवासी छात्रों को उच्च शिक्षा हेतु विदेश भेजने वाला झारखण्ड देश का पहला राज्य बना

  • ब्रिटिश उप उच्चायुक्त ने मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीए छात्रवृत्ति योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार की प्रशंसा की
  • ब्रिटिश उप उच्चायुक्त ने इस योजना को हाशिये पर पड़े समुदायों की बेहतरी की दिशा में एक दूरदर्शी कदम बताया
  • यूके और झारखंड के बीच शिक्षा और अन्य संबद्ध क्षेत्रों में बड़ी साझेदारी के लिए भविष्य में सहयोग का वादा किया

रांची : कोलकाता में ब्रिटिश उप उच्चायुक्त, निक लो ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को संबोधित एक पत्र के माध्यम से ‘मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना’ को सफलतापूर्वक शुरू करने और आदिवासी छात्रों को विदेश जाने में मदद करने के लिए बधाई दी है. उन्होंने सम्मान समारोह का हिस्सा नहीं बन पाने पर दुःख व्यक्त किया.

ब्रिटिश उप उच्चायुक्त ने राज्य सरकार को बधाई दी

योजना के सफल क्रियान्वयन और ब्रिटेन में उच्च अध्ययन के लिए फर्स्ट बैच को भेजने पर ब्रिटिश उप उच्चायुक्त ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर कहा कि मेरे दिल में खुशी और दुःख दोनों का भाव है. खुशी इस बात की है क्योंकि मैं झारखंड सरकार को यूनाइटेड किंगडम में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए आदिवासी छात्रों के लिए मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना शुरू करने के लिए हार्दिक धन्यवाद और बधाई देता हूं. उन्होंने कहा है कि सम्मान समारोह का हिस्सा नहीं बन पाने पर मुझे खेद है.

आदिवासी छात्रों के लिए योजना एक दूरदर्शी पहल है

हाशिये पर पड़े समुदायों का सहयोग करने के लिए राज्य सरकार की दूरदर्शी पहल की प्रशंसा करते हुए, उन्होंने कहा, उच्च शिक्षा में पहुंच की असमानताओं को दूर करने की दिशा में मैं आपको इस दूरदर्शी पहल को आगे बढ़ाने के लिए बधाई देता हूं, ताकि हाशिये पर पड़े समुदायों द्वारा उच्च शिक्षा तक पहुंच की असमानताओं को दूर किया जा सके. झारखंड और यूनाइटेड किंगडम के बीच ज्ञान की साझेदारी को चलाने के लिए आपका नेतृत्व और झारखंड राज्य सरकार के प्रयास सबसे अधिक प्रशंसा के पात्र हैं. जयपाल सिंह मुंडा की विरासत, जिन्होंने एक सदी पहले अपना बीए का कोर्स ऑक्सफोर्ड से किया था.

पहले दल का स्वागत और झारखंड के साथ बड़ी साझेदारी का वादा

यूके के विश्वविद्यालयों में पहले समूह का स्वागत करते हुए उन्होंने लिखा, यूनाइटेड किंगडम के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में मास्टर्स प्रोग्राम के लिए चुने गए छह स्कॉलर्स के पहले समूह का स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है. कृपया मेरी हार्दिक बधाई स्वीकार करें. मेरे सहयोगी और मैं ब्रिटिश उप उच्चायोग में शिक्षा और अन्य संबद्ध क्षेत्रों में एक गहरी और बड़ी भागीदारी को चलाने के लिए इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए तत्पर हैं.

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