मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की सत्ता में झारखण्ड राज्य के ऐतिहासिक धरोहरों को मिल रहा है संरक्षण व वैश्विक स्तर पर पहचान. साथ ही झारखंडी बहनों को बनाया जा रहा है आत्मनिर्भर . ‘आदिवा ब्रांड’ इसी प्रयास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा …
- आदिवा से राज्य की आदिवासी ज्वैलरी जैसी धरोहर को मिलेगी नई पहचान
- पलाश ब्रांड के अंतर्गत सखी मंडल की बहनों द्वारा निर्मित ज्वैलरी का सह ब्रांड है आदिवा
- दुमका एवं खूंटी की सखी मंडल की बहनें बनाती हैं आदिवासी पारम्परिक ज्वैलरी
रांची : झारखण्ड में, हेमंत शासन में स्टेट लाइवलीहुड प्रोमोशन सोसाईटी (जेएसएलपीएस) 20 वर्षो में पहली बार अपनी उदेश्यों की ओर स्पष्ट बढ़ता दिख रहा है. ज्ञात हो मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन कार्यकाल के शुरूआती दौर से ही झारखंड के ऐतिहासिक धरोहरों के प्रति संवेदनशील रहे हैं. इसी मंशे के तहत जेएसएलपीएस के हेहल में, सखी मंडल की महिलाओं द्वारा निर्मित पारम्परिक आदिवासी आभूषण को संरक्षित व पहचान दिलाने को समर्पित ‘आदिवा ब्रांड’ का शुभारंभ मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा हुआ है.
ट्राइबल ज्वेलरी ब्रांड ‘आदिवा’ के लॉन्चिंग कार्यक्रम में जेएसएलपीएस के सभी जिलों की टीमें ऑनलाइन शरीक हुई. ज्ञात हो, मुख्यमंत्री के पहल पर सखी मंडल के उत्पादों को बड़े बाजार से जोड़ने के लिए ‘पलाश ब्रांड’ की शुरुआत की गई है, जिससे न केवल ग्रामीण महिलाओं की आमदनी में इजाफा हुआ है, उनकी कारीगरी को भी सम्मान मिला है. आदिवासी ज्वैलरी जैसे राज्य की ऐतिहासिक पहचान को स्थापित करने के लिए आदिवा ज्वैलरी ब्रांड लॉन्च किया गया है.
हस्तनिर्मित पारंपरिक आदिवासी आभूषण महिलाओं की सुंदरता में लगाएंगे चार-चांद
झारखंडी बहनों द्वारा हस्तनिर्मित पारंपरिक आदिवासी आभूषण महिलाओं की सुंदरता में चार-चांद लगाएंगे एवं आदिवा उनकी पहली पसंद बन कर उभरेगी. आदिवा ब्रांड के लॉन्चिंग का मुख्य उद्देश्य राज्य के पारंपरिक आभूषणों व कारीगरों का संरक्षण एवं राज्य के ऐतिहासिक धरोहरों को वैश्विक बाजार से जोड़कर नई पहचान दिलाना है. साथ ही आदिवा ब्रांड इसके जरिए सुदूर ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ कर आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प भी है.
पारंपरिक आदिवासी ज्वेलरी को आदिवा से मिलेगा संरक्षण व नई पहचान
‘आदिवा’ की लॉन्चिंग के मौके पर जेएसएलपीएस कि मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ने आदिवासी ज्वेलरी बनाने वाली सखी मंडल की महिलाओं को शुभकामना दी है. एवं अधिक संख्या में ग्रामीण महिलाओं को इस हुनर से जोड़ने की बात कही. श्रीमती सहाय ने बताया कि पलाश ब्रांड अंतर्गत ज्वेलरी सहब्रांड आदिवा की शुरुआत की गईहै. इसके जरिए राज्य के आदिवासी परंपरागत आभूषणों को संरक्षण के साथ राज्य में जहाँ फिर से पहचान मिल सकेगी वहीं वैश्विक स्तर पर नयी पहचान मिलेगी. और खी मंडल की दीदियों द्वारा निर्मित आदिवा ब्रांड की जवैलरी से राज्य की समृद्ध परंपरा का प्रसार भी होगा.
आदिवा ब्रांड राज्य की महिलाओं की आय में उल्लेखनीय बढोतरी बनेगा साधन
सचिव, ग्रामीण विकास विभाग ने आदिवासी ज्वेलरी ब्रांड आदिवा के लॉंचिंग पर सखी मंडल की बहनों को शुभकामना देते हुए कहा कि यह एक अभिनव प्रयास है, जिससे ग्रामीण महिलाओं की आय में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी. उन्होने कहा कि सखी मंडल की बहनों द्वारा हस्तनिर्मित आभूषण एवं अन्य उत्पाद राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान स्थापित करेंगे. सखी मंडल की बहनों को पलाश ब्रांड के तहत अधिक महिलाओं को जोड़ने की आपील की.
सखी मंडल द्वारा हस्तनिर्मित आदिवासी ज्वैलरी को आदिवा देगा नया कलेवर
‘आदिवा ‘ के लॉन्चिंग कार्यक्रम में राज्य के सभी 24 जिलों से जेएसएलपीएस की टीम ऑनलाइन जुड़ी थी. वहीं आदिवा ज्वैलरी निर्माण से जुड़ी खूंटी के मुरहू की कुछ महिलाएं लॉंचिंग कार्यक्रम में मौजूद थी. ज्वैलरी सह ब्रांड ‘आदिवा’ की लॉन्चिंग पर खुशी जाहिर करते हुए खूंटी की यशोदा देवी ने कहा कि इस पहल से हम बहनों द्वारा हस्तनिर्मित ज्वैलरी को नया कलेवर मिल पा रहा है. मुझे उम्मीद है कि हमारे द्वारा निर्मित आदिवासी आभूषण महिलाओं की सुंदरता में चार-चांद लगाएंगे एवं आदिवा उनकी पहली पसंद होगी. हमलोग चांदी, सिल्वर, मेटल आदि से पारंपरिक आदिवासी ज्वैलरी बनाते है, जो लोगों को काफी पसंद आती है.
‘आदिवा’ से राज्य की ऐतिहासिक कला-संस्कृति को राष्ट्रीय पटल पर लाने में सहयोग मिलेगा. आदिवा आभूषण की खरीदारी पलाश मार्ट मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए ऑनलाईन की जा सकती है. एवं यह पलाश मार्ट में भी उपलब्ध होगा. पलाश ब्रांड के अंतर्गत आदिवा सह ब्रांड के रूप में लॉन्च किया गया है. ज्ञात हो, राज्य में झारखण्ड स्टेट लाईवलीहुड प्रमोशन सोसाईटी द्वारा ग्रामीण महिलाओं के उत्पादों को वैश्विक बाजार से जोड़ने के लिए पलाश ब्रांड की शुरुआत की गई है. जिसके दायरे में नए सह ब्रांड एवं उत्पादों की संख्या लगातार बढ़ रही है.