इन्वेस्टर्स समिट : आदिवासी-मूलवासी को नौकरी देने वाले उद्मियों के लिए नीति में कई प्रोत्साहन  

मुख्यमंत्री का नई दिल्ली इन्वेस्टर्स समिट के बिज़नेस टू गवर्नमेंट मीटिंग में कहना कि आदिवासी-दलित (मूलवासी) के लिए रोज़गार में प्रावधान करने वाले उद्यमियों के लिए सरकार नीति में कई प्रोत्साहन का समावेश करेगी. यह दर्शाता है कि झारखण्ड सरकार हाशिये पर खड़ी जनता को साथ लेकर चलने में विस्श्वास रखती है.  

  • निवेशकों को इलेक्ट्रिक वाहन नीति के सम्बन्ध में दी गई जानकारी.
  • निवेशकों को जियाडा 50% अनुदान पर उपलब्ध कराएगा भूमि.
  • ईवी नीति में हाशिये पर खड़ी जनता के लिए भी प्रावधान 

नई दिल्ली : भारत देश में जहाँ एक तरफ आदिवासी-दलित हाशिये पर है. इनके अधिकारों पर मनुवादी विचारधारा लगातार हमलावर हैं. इन समुदाय की बेटियां त्राहिमाम हैं. देश का अधिकाँश संसाधन-संस्थान बेच दिया गया हो, या बिकने के कगार पर हैं. देश का पालनहार सरकारी लाठियों से त्रस्त हैं. बेरोजगारी दर अबतक के सभी रेकॉर्डों को तोड़ते हुए अपने उच्चतम शिखर पर आ खड़ा हुआ हो. ऐसे में झारखंड के युवा मुख्यमंत्री का हिम्मत न हारना, सीमित संसाधन व केंद्र के सौतेले रवैये के बीच झारखंड जैसे राज्य में, कोयला उद्योग से इतर अन्य क्षेत्रों में औद्योगिकीकरण में मोटी लकीर खींचने का प्रयास करना, निश्चित रूप से नीयत व हिम्मत की पराकाष्ठा हो सकती है.

इन परिस्थितियों के बीच भी मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का नई दिल्ली इन्वेस्टर्स समिट के बिज़नेस टू गवर्नमेंट मीटिंग में कहना कि झारखण्ड असीम संभावनाओं, कुशल मानव संसाधन व मेहनती राज्य है. यहां का बड़ा हिस्सा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति समुदाय से हैं. इन समुदायों के लिए रोजगार में प्रावधान करने वाले उद्यमियों के लिए सरकार नीति में अन्य प्रोत्साहन का भी समावेश करेगी. ताकि  वे आगे बढ़े और झारखंड नई ऊंचाइयों को छुए. दर्शाता है कि मुख्यमंत्री समाज में हाशिये पर कड़ी जनता को साथ लेकर चलने में विश्वास रखते हैं. और इन समुदायों के विकास के लिए मंशा साफ़ है.   

झारखण्ड के परिदृश्य को बदलना है

इलेक्ट्रिक वाहन, भविष्य के वाहन के रूप में देखते हुए प्रस्तावित इलेक्ट्रिक वाहन नीति प्रस्तुत की गई. मुख्यमंत्री ने इस सन्दर्भ में कहा कि इस सेक्टर में संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता. झारखण्ड में आजादी के बाद से ही इसके सबसे बड़े संयंत्र और इकाइयां स्थापित की गई हैं. बहुत सारे अवसर झारखण्ड के समक्ष आये, लेकिन उन अवसरों का सटीक उपयोग नहीं हो सका. इस  परिदृश्य को बदलना है.

आदिवासी-मूलवासी को नौकरी देने वाले उद्मियों के लिए नीति में कई प्रोत्साहन 

उद्योग विभाग सचिव – निवेशकों को इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र के दायरे, दृष्टिकोण और इलेक्ट्रिक वाहन क्लस्टर स्थापित करने की प्रस्तावित योजना पेश की, प्रोत्साहन और प्रावधानों के बारे में बताया. कंपनियों को स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क में 100% छूट दी गयी है.  जो कंपनियां ईवी नीति के लॉन्च होने के बाद से पहले 2 वर्षों के भीतर निवेश करते हैं, उन्हें जियाडा द्वारा 50% अनुदान पर भूमि उपलब्ध कराया जायेगा. एमएसएमई के तहत 7 साल के लिए जीएसटी पर 100% प्रोत्साहन, जबकि बड़े और वृहत उद्योगों के लिए क्रमशः 9 और 13 वर्ष के लिए छूट का प्रावधान है. वाहन पंजीकरण में 100% और रोड टैक्स 100% छूट का भी प्रस्ताव है.

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