पूर्व मुख्यमंत्री के लोगों का रसूख में लोकडाउन का उल्लंघन करना सवाल छोड़ता है  

झारखण्ड में एक तरफ सता से लेकर पूरी जनता तक कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए, केन्द्र घोषित देशव्यापी लोकडाउन के मातहत तमाम प्रकार की समस्याओं से जद्दोजहद करते हुए भी सोशल डिस्टेंसिंग के सारे नियमों का पालन कर रही है। तो दूसरी तरफ झारखण्ड भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के रसूख का फायदा उठा उनके रिश्तेदार लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन कर न केवल यहाँ की जनता की भावनाओं से बल्कि उनके जीवन के साथ भी खिलवाड़ करने से नहीं चुक रहे।

खबर है कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के भतीजे व उनका 15 मित्र पर लॉकडाउन के उल्लंघन करने पर झारखण्ड पुलिस ने मामला दर्ज किया है। ज्ञात हो कि जब से पूरे देश में कोरोना से निपटने के लिए लॉकडाउन लागू किया गया है,  पूरी तरह से उसकी पालन करने और करवाने की ज़िम्मेदारी लिए झारखण्ड पुलिस लगातार पूरी क्षमता से जुटी हुई है। ऐसे में भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री का भतीजा कमलेश साहू जैसे लोग का रसूख का इस्तेमाल कर लोक डाउन का उल्लंघन करते पाया जाना गंभीर सवाल उत्पन्न करता है। 

क्या भाजपा की झारखण्ड इकाई ने अपने सगे सम्बन्धी और कार्यकर्ताओं को कोरोना महामारी सम्बंधित प्रशिक्षण नहीं दिया है। या फिर जनता के जीवन के मूल्य पर झारखण्ड सरकार को अपनी सुनियोजि प्रोपगेंडा के तहत बदनाम करने की राजनीति से पीछे नहीं हटना चाहती है। ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बकाया भुगतान के लिए माननीय प्रधानमंत्री से बात हुई है। इस सम्बन्ध में अब तक झारखण्ड भाजपा से किसी भी नेता का इससे सम्बंधित कोई आधिकारिक बयान न आना और उसके लोगों द्वारा ऐसी घटना का अंजाम दिया जाना … सवाल तो जरूर खड़े करते हैं। 

मामला सीतारामडेरा थाना में दर्ज किया गया है और पुलिस ने इस पर कार्रवाई करते हुए 5 लोगों को गिरफ्तार भी किया है। यह चिंता का विषय होना चाहिए कि राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में अब भी लॉकडाउन का सही तरीके से पालन नहीं किया गया तो स्थिति और गंभीर हो सकता हैं। मसलन, भाजपा को संकट की घडी में एकजुटता का परिचय देते हुए जनता व उसके समस्याओं के साथ खड़ा होना चाहिए।  

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