3.5 करोड़ झारखण्डियों के हित में JMM नेताओं की 8 प्रमुख पहल

झारखण्ड : जन हित मुद्दों पर केवल घोषणा कर चुप नहीं रहते झामुमो नेता, केंद्र से पारित कराने हेतु शंघर्षरत भी दिखते हैं. इस फेहरिस्त में न केवल अन्य झामुमो नेता बल्कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन, हेमन्त सोरेन जैसे शीर्ष के नेता भी प्रथम पंक्ति में खड़े दिखे हैं.

रांची:  झारखण्ड में झामुमो सत्ता राज्य के सवा तीन करोड़ लोगों के हित को प्रयासरत है. झामुमो नेता राज्य स्तर पर तो प्रयास कर ही रहे हैं, केंद्र से भी लगातार संपर्क साधे हुए हैं. इन नेताओं में शिबू सोरेन और हेमन्त सोरेन प्रमुखता से शामिल हैं. एक पूर्व सीएम तो दुसरे वर्तमान सीएम हैं. दोनों केंद्र से न केवल गरीबों की आवास के लिए आवाज उठा रहे हैं, राज्य का हजारों करोड़ रुपए बकाया, सरना धर्म प्रस्ताव व अवैध खनन पर रोक की भी मांग कर रहे हैं. पहल ने असर भी दिखाया है. 

3.5 करोड़ झारखण्डियों के हित में JMM नेताओं की 8 प्रमुख पहल

रजिस्टर्ड 8.37 लाख गरीब परिवार को आवास देने की पहल. 

हेमन्त सोरेन ने केंद्र से प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत रजिस्टर्ड 8.37 लाख परिवारों को आवास उपलब्ध कराने की मांग की है. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन इसके लिए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह से मुलाकात कर चुके हैं. हेमन्त सोरेन का कहना है कि रजिस्टर्ड सभी लाभुक गरीब हैं. इन्हें आवास उपलब्ध कराना बेहद जरूरी है. 

केंद्रीय कोल कंपनियों पर हजारों करोड़ बकाया चुकाने की पहल 

विभिन्न केंद्रीय कोल कंपनियों पर झारखण्ड का 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपए बकाये का भुगतान की मांग हेमन्त सोरेन कर चुके हैं. इसके लिए वे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिले. केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी को पत्र लिखा. बकाया राशि कोल कंपनियों द्वारा भूमि अधिग्रहण और रॉयल्टी के रूप में है. जैसे –

  • खनन का काम करने वाली कोयला कंपनियों यथा-सीसीएल, बीसीसीएल और ईसीएल के पास भूमि मुआवजे का एक लाख करोड़. 
  • सामान्य मद में 32 हजार करोड़.
  • धुले हुए कोयले की रॉयल्टी के एवज में 2900 करोड़ रुपए लंबे वक्त से बकाया हैं. 

बंद खदानों के विधिवत क्लोजर कराने की पहल 

हेमन्त सोरेन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर बंद खदानों का विधिवत माइन्स क्लोजर कराने की भी मांग की है. मुख्यमंत्री का मानना है कि इससे राज्य में अवैध खनन पर रोक लगेगा और पर्यावरण की सुरक्षा हो सकेगी.

अवैध खनन में रेल अधिकारियों की भूमिका की जांच के लिए एसआईटी में सहयोग की अपील

झारखण्ड के साहिबगंज समेत अन्य जिलों में हो रहे अवैध खनन में रेल अधिकारियों की भूमिका की जांच को लेकर सीएम सोरेन ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से सहयोग की मांग की. इसके लिए बकायदा मुख्यमंत्री ने पत्र भी केंद्रीय मंत्री को लिखा. जिसमे कहा गया कि राज्य सरकार अपने स्तर पर इसकी जांच के लिए विशेष जांच समिति (एसआईटी) का गठन करेगी. समिति की जांच में केंद्रीय मंत्री सहयोग करें. राज्य सरकार द्वारा एसआईटी का गठन भी हो चूका है. 

पारसनाथ मामले में लिखे पत्र का दिखा त्वरित असर 

बीते दिनों गिरिडीह जिला स्थित जैन धर्म के तीर्थ सम्मेद शिखर विवाद मामले में भी हेमन्त सोरेन ने केंद्रीय मंत्री पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग भूपेंद्र यादव को पत्र लिखा. पत्र में हेमन्त सोरेन ने जैन अनुयायियों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए समुचित निर्णय लेने का आग्रह किया. इसका रिजल्ट भी दिखा. हेमन्त के पत्र के तत्काल बाद ही पारसनाथ को इको-सेंसेटिव जोन से बाहर कर दिया गया. 

आदिवासी विरोधी वन संरक्षण नियम 2022 के लिए की गयी पहल 

आदिवासी के हित के खिलाफ केंद्र के लाए वन संरक्षण नियम 2022 को लेकर भी सीएम सोरेन ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा. पत्र में हेमन्त ने आपत्तियां व्यक्त करते हुए कहा कि नयी नीति में स्थानीय ग्राम सभा की शक्तियों और वनों में रहने वाले आदिवासी समुदायों के अधिकारों को कम किया गया है. जरूरी है कि केंद्र सरकार वन संरक्षण नियम, 2022 में बदलाव करें. 

झारखण्डी बच्चों के शिक्षा को लेकर भी हुई पहल 

युक्रेन से लौटे झारखण्डी बच्चों के करियर को लेकर हेमन्त सोरेन ने केंद्र सरकार से मार्ग दर्शन मांगा. सीएम सोरेन ने पीएम को पत्र लिखकर कहा, युक्रेन से 180 झारखण्डी बच्चे लौटे है. सभी मेडिकल के दूसरे और तीसरे वर्ष के छात्र थे. सभी अपने भविष्य को लेकर ऊहापोह में है. इनके भविष्य को लेकर इनके अभिभावक परेशान हैँ. सीएम ने पीएम से देश के मेडिकल कोलेज में उन छात्रों की शिक्षा को पूरा कराने का आग्रह किया था. 

जनगणना में सरना धर्म कॉलम को लेकर दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने की पहल 

आगामी जनगणना कार्य में धर्म के कॉलम में सरना को भी अलग स्थान मिले, इसकी मांग झामुमो अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दोषों गुरु शिबू सोरेन ने की. उन्होंने प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखा. शिबू सोरेन ने प्रधानमंत्री से मांग की कि सरना धर्म कोड जल्द से जल्द लागू किया जाए. ज्ञात हो झामुमो ने सरना धर्म कोड लागू का प्रस्ताव विधानसभा से पारित किया है. शिबू सोरेन ने पत्र में कहा कि आदिवासी समाज की पुरानी मांग है कि उन्हें अलग धर्म संप्रदाय की मान्यता दी जाए.

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