दिल्ली : 40वां भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला – झारखंड का अक्षय ऊर्जा स्टॉल कर रहा आकर्षित   

भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला: झारखण्ड पवेलियन में लोग ले रहे हैं झारखण्ड रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (ज्रेडा) के स्टॉल  से जानकारी…

नई दिल्ली : रिन्यूएबल एनर्जी (अक्षय ऊर्जा) को भविष्य के लिए ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत माना जा रहा है. क्योंकि रिन्यूएबल एनर्जी का स्रोत प्रकृति होता है. मसलन, केंद्र और राज्य सरकारें इसे बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयासरत है. 40वां भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला ऐसे ही प्रयासों का हिस्सा है. इस प्रयास में झारखंड सरकार का प्रयास सराहनीय है. झारखण्ड के मुख्यमंत्री सवयं इसे लेकर गंभीर हैं. अक्षय ऊर्जा का उत्पादन न केवल सुगम, पर्यावरण फ्रेंडली भी होता है. और किसी भी राज्य-देश के विकास का महत्वपूर्ण वाहक भी साबित हो सकता है.

ज्ञात हो, झारखण्ड में ऐसे महत्वपूर्ण स्रोत के बढ़ावा के मद्देनजर सरकार द्वारा झारखण्ड रिन्यूएबल एनर्जी  डेवलपमेंट एजेंसी, ज्रेडा (विद्युत विभाग झारखण्ड) का गठन 19 फरवरी 2001 को किया गया था. जिसकी गतिविधि, योजनाएं व फायदों को प्रगति मैदान में चल रहे व्यापार मेले में, ज्रेडा की स्टॉल पर प्रदर्शित कर रहा है. मेले में (ज्रेडा) की स्टॉल पर लगातार लोगों की भीड़ पहुँच रहिया है और इससे सम्बंधित जानकारियां ले रहे हैं, जागरूक हो रहे हैं.

रिन्यूएबल एनर्जी ग्रीन एनर्जी है इससे किसी भी तरह की हानि नहीं

झारखण्ड रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (ज्रेडा) के स्टेट रिप्रजेंटेटिव आशीष सेन ने बताते है – ज्रेडा झारखंड में 25 मेगावाट का प्लांट, 4500 सोलर स्ट्रीट लाइट, सोलर पंप, 455 ग्रामों में सौर्य ऊर्जा के माध्यम से विद्युतीकरण का काम कर चुकी है. रिन्यूएबल एनर्जी को ग्रीन एनर्जी भी कहा जाता है. इससे किसी भी तरह की हानि नहीं है, साथ ही ये किफायती भी है. प्रगति मैदान के ज्रेडा स्टॉल पर आने वाले लोग रिन्यूएबल एनेर्जी के उत्पादन और उसके घरेलु उपयोगों के बार में अधिक रूचि ले रहे हैं.

ज्रेडा अब सरकारी इमारतों में सोलर पीवी रूफटॉप स्कीम, सोलर वाटर पम्पस स्कीम, सोलर स्ट्रीट लाइट प्रोग्रम, सोलर हाईमास्ट, लाइटिंग स्कीम, सोलर पावर्ड कोल्ड स्टोरेज प्रोग्रम, सोलर माइक्रो/ मिनी ग्रिड, सोलर स्टैंडलोन सिस्टम प्रोग्राम के अंतर्गत 1700 मेगावाट का सोलर पार्क, 900 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर, 400 मेगावाट का सोलर कैनाल टॉप, 250 मेगावाट का सोलर रूफटॉप, 120 मेगावाट का सोलर पम्पसेट, किसानों की बंजर भूमि पर अतिरिक्त आय हेतु 250 मेगावाट तक सोलर प्लांट की स्थापना और 1000 सोलर ग्राम बनाने के लक्ष्य पर काम किया जा रहा है.

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