नामचीन हस्तियों के नामांकन के बीच हेमंत, अमित व विकास की दहाड़

भारी गहमा गहमी के बीच झारखंड में आज नामचीन हस्तियों ने प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। दिलचस्प बात यह रही कि मौजूदा सरकार के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को अपनी जमशेदपुर पश्चिम सीट को छोड़ते हुए पूर्वी सीट से पर्चा दाखिल कर एक निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मुख्यमंत्री रघुवर दास को चुनौती दे इस सीट को सनसनीखेज बना दिया हैं। ज्ञात हो कि रघुवर दास के इशारे पर उनकी सीट काटे जाने से वे क्षुब्द हैं। 

इसके अलावा कांग्रेस प्रवक्ता प्रोफेसर गौरव वल्लभ, जेवीएम के प्रत्याशी अभय कुमार सिंह ने भी आज ही इसी सीट के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है। आज दूसरे चरण के नामांकन की अंतिम तिथि थी। इसलिए बड़ी संख्या में प्रत्यासियों ने अपना नामांकन करवाया, साथ ही शहर को जाम कर शक्ति प्रदर्शन भी किये। झामुमो की ओर से विकास सिंह मुंडा ने भी अपना नामांकन तमाड़ सीट के लिए किया है। 

विकास सिंह मुंडा के लिए तमाड़ में झामुमो ने जनसभा आयोजित की जिसमे हजारों की संख्या में जनता ने भागीदारी कर झारखंड विधानसभा चुनाव की डुगडूगी बजा दी है। इनके हौसलाअफजाई करने खुद हेमंत सोरेन व अमित महतो कार्यक्रम में पहुंचे। इन नामचीन हस्तियों के नामांकन के बीच अपने पहले ही संबोधन में हेमंत सोरेन ने भाजपा और आजसू की सरकार लुटेरों की सरकार बता इनको न बक्श्ने वाली तेवर जाहिर कर दिए हैं। 

नामचीन हस्तियों के बीच हेमंत अमित की झारखंडी पुकार

नामचीन हस्तियों
जनता की भीड़

उन्होंने कहा कि ये लुटेरी जमात पहले साथ में झारखंड को लूटते हैं फिर दिखावे के लिए अलग अलग हो चुनाव लड़ने की घोषणा करते हैं। उन्होंने लोगों से अपील कि वे निर्मल महतो की शहादत को याद करें और रघुवर दास को उन्हीं के हाथी पर बिठा कर छत्तीसगढ़ भेज दे। राज्य में सर्वागिन विकास व मान सम्मान के लिए झारखंडियों सुपतों पर विश्वास करें।

जबकि झमुमो के पूर्व युवा विधायक अमित महतो ने अपने वकतव्य मे कहा कि यह सरकार युवा विरोधी है, शिक्षा विरोधी है, किसान विरोधी है। उन्होंने आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो को झारखण्ड का सबसे ज्यादा नुकसान करने वाला बताया। साथ ही सुदेश को दो मुहां करार देते हुए कहा कि सदन में सरकार का समर्थन और बाहर विरोध करते हैं।

झामुमो प्रत्याशी विकास मुंडा ने आजसू सुप्रीमो पर आरोप लगाया कि जब उन्होंने राज्य के स्वाभिमान के लिए, पारा टीचर के मांगों पर, स्थानीयता के मुद्दे पर सरकार विरोध किया तो उन्हें बहुत दर्द हुआ। मैं रमेश मुंडा का खून हूँ, राजनीति के लिए राज्य के स्वाभिमान से कोई समझौता नहीं करूँगा।

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