बीमा करवाएगी सरकार स्वास्थ्यकर्मियों, सफाईकर्मियों व पुलिसकर्मियों का 

हेमंत सरकार का स्वास्थ्यकर्मियों, सफाईकर्मियों व पुलिसकर्मियों के लिए 50 लाख का बीमा करना साहसिक कदम। 

कहते हैं बीमा जीवन में व्याप्त सभी अनिश्चितताओं से व्यक्ति को चिन्तामुक्त करता है। इसका सम्बन्ध सीधा जीवन के जोखिम व अधिकार होता है। अत: परिवार व स्वयं की सुरक्षा का एक मजबूत उपाय बीमा ही है। इसलिए, (Therefore,) सरकार अपने कर्मियों के लिए इसपर भी विचार कर सकती है

कोरोना महामारी देशव्यापी लोक डाउन के बीच झारखण्ड सरकार ने मंत्रिपरिषद की एक अहम बैठक बुलायी। इस बैठक में कोरोना से जूझते हुए अपनी सेवा देने वाले राज्य कर्मियों, स्वास्थ्य कर्मियों, सफाई कर्मियों, किसानों, गरीब व मजदूरों के हित को देखते हुए महत्वपूर्ण फैसले सकती है।

सभी विधानसभा क्षेत्रों के विधायकों को कोरोना सम्बंधित मामलों में खर्च करने राशि आवंटित हो सकती है।जिससे वे अपने क्षेत्र के गरीबों, किसानों व मजदूरों राहत राशि मुहैया करवा पायेंगे। साथ ही क्षेत्र से जुड़े लोग जो राज्य से बाहर रह रहे है को डीबीटी के माध्यम से मदद पहुंचा पाएंगे। 

यह भी उम्मीद की जा रही है कि कोरोना महामारी के बीच लगातार अपनी सेवा दे रहे स्वास्थ्यकर्मियों, सफाईकर्मियों, पुलिसकर्मियों या ऐसे अन्य कर्मियों का 50 लाख रुपए का बीमा कराये जाने के फैसले पर भी मुहर लग सकती है। दूसरे शब्दों में, (In other words,) कहेह तो सरकार उनके जीवन क लेकर सोच रही है। 

बीमा के अलावा मज़दूर-किसन के लिए घरेलू उद्योग की शुरुआत हो सकती है 

सूत्रों की माने तो कैबिनेट की बैठक में घरेलू उद्योगों को शुरू करने पर विचार किया जा सकता है। सरकार का मानना है कि घरेलू उद्योग के मदद् से मज़दूरों को घर पर ही रख कर काम कराया जा सकता है। जिससे इनकी समस्या तो दूर होगी ही जरूरी वस्तुओं का उत्पादन भी हो सकेगा।

मसलन, (In conclusion,) ऐसे फैसले इसी भी सरकार का जनता के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है। साथ ही ऐसे निर्णय किसी भी राज्य या राष्ट्र को स्वावलंबी की राह पर ले जाती है। जिससे जनता की समस्या तो दूर होती ही है राज्य या राष्ट्र भी स्वाभिमान के मूल्यों पर मजबूत बनता है।

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