कोरोना वायरस के कारण झारखंड के खजाने को लगा 1100 करोड़ का झटका

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कोरोना वायरस के कारण झारखंड के खजाने को 1100 करोड़ का झटका लगा है। पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में जीएसटी का संग्रह 1059 करोड़ घट गया है। 2018-19 में जीएसटी का कुल संग्रह 23,916 करोड़ था। यह 2019-20 में घटकर मात्र 22,847 करोड़ रह गया। इस तरह जीएसटी में सालाना चार फीसदी का ह्रास कोरोना के संक्रमण से राज्य की अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान की झलक दिखा रहा है।

वित्तीय वर्ष के अंत में कारोबार में आई कमी से वस्तु एवं सेवाकर अचानक घटा है। यह पिछले साल के मार्च महीने की भी बराबरी नहीं कर सका। पिछले साल मार्च महीने में राज्य को 2,149 करोड़ का जीएसटी प्राप्त हुआ था। जो इस साल 100 करोड़ घटकर 2,049 करोड़ रह गया। इससे पहले के महीनों में जीएसटी संग्रह लगभग वृद्धि का ग्राफ दिखा रहा था। लेकिन कोरोना वायरस के प्रभाव के कारण पिछले तीन महीनों के उथल-पुथल ने काम-धंधों की कमर तोड़कर रख दी। हर साल मार्च महीने में जीएसटी का बड़ा हिस्सा जमा होता है। लेकिन मार्च में राजस्व की कमी ने साल के बाकी हिस्सों की आर्थिक उपलब्धियों पर पानी फेर दिया। इसके उलट देश में जीएसटी संग्रह का ग्राफ आठ फीसदी ऊपर गया है।

फायदे में रहा पड़ोसी बिहार
कोरोना के असर के बावजूद पड़ोसी बिहार जीएसटी संग्रह के मामले में पिछले वित्तीय वर्ष से फायदे में रहा। 2018-19 की तुलना में बिहार में जीएसटी संग्रह 18 फीसदी बढ़ा। 2018-19 में यह 10,755 करोड़ था, जो 2019-20 में बढ़कर 12,640 करोड़ हो गया। हालांकि, मार्च महीने में वहां भी पिछले साल की तुलना में जीएसटी प्राप्त करने में कमी आई है। बाकी पड़ोसी राज्यों में भी जीएसटी के आंकड़ों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। उत्तर प्रदेश में छह फीसदी, पश्चिम बंगाल में नौ फीसदी, ओड़िशा में 10 फीसदी और छत्तीसगढ़ में सालाना पांच फीसदी की वृद्धि देखने को मिल रही है। 

क्यों महत्वपूर्ण हैं जीएसटी के आंकड़े
जीएसटी यानी वस्तु एवं सेवा कर से यह पता चलता है कि खास अवधि में कितनी वस्तुओं का उत्पादन हुआ। कितनी सेवाओं का उत्पादन हुआ। वस्तुओं और सेवाओं का कारोबार कितने का हुआ। इससे अर्थव्यवस्था की नब्ज समझने में मदद मिलती है। इससे रोजगार और दूसरे कारकों की स्थिति भी आसानी से समझी जा सकती है।

लक्ष्य पूरा करने वाला महीना दगा दे गया
वित्तीय वर्ष का अंतिम महीना मार्च होने के कारण सभी विभागों पर लक्ष्य पूरा करने का दबाव रहता है। पिछले वित्तीय वर्ष में लोकसभा और विधानसभा चुनाव से जूझने और राज्य में सत्ता परिवर्तन के कारण शिथिल पड़ी प्रशासनिक मशीनरी को मार्च में ही सबसे अधिक संग्रह की उम्मीद थी, लेकिन कोरोना के कारण यह उम्मीद धरी रह गई।

आस अभी बाकी है
कोरोना के लॉकडाउन के कारण कारोबारी भी जीएसटी जमा करने में शिथिल रहे हैं। लॉकडाउन समाप्त होने के बाद बकाया जमा करने की रफ्तार में तेजी आने की उम्मीद है। ऐसे में झारखंड का जीएसटी ग्राफ भी ऊंचा जाने की आस है। ऐसा होने पर झारखंड की अर्थव्यवस्था भी बढ़ती हुई दिख सकती है।

ऐसे हुआ जीएसटी संग्रह

राज्य2018-192019-20वृद्धि
झारखंड    23,916            22,847          -4%
बिहार      61,337             65,281            6%
उत्तर प्रदेश  30,722          32,821           7%
पश्चिम बंगाल 39,780     43,386           9%
ओड़िशा         29,952      29,677         10%
छत्तीसगढ़      22,932       24,160         5%
देश             8,76,794    9,44,914    8%

(आंकड़े करोड़ में है।)



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